101 साल पुराने बिहार विधानसभा वह काला दिन, जब सुशासन बाबू ने स्पीकर पर जम कर भड़ास निकाली

अनिल कुमार

101 साल पुराने बिहार विधानसभा के लिए वह दिन काला दिन के रूप में जाना जाएगा। भले ही लालू राबड़ी की सरकार को बिहार मे जंगलराज कहा जाता है पर कभी भी राजद के सीएम ने स्पीकर के साथ ऐसा असंवैधानिक व्यवहार नहीं किया होगा। जिस तरह से सुशासन बाबू नीतिश कुमार ने विधानसभा मे ही स्पीकर के साथ ऐसा व्यवहार किया कि सदन में विधायकगण आश्चर्य मे पड़ गये। सीएम नीतिश कुमार ने यहाँ तक स्पीकर को कह डाला कि आप इस तरह से हाउस चलायेंगे तो हम नही चलने देंगे।

दरअसल सदन में प्रश्नकाल में भाजपा विधायक संजय सरावगी ने पिछले पचास दिनो मे लखीसराय क्षेत्र में नौ लोगों की हत्या का मामला उठाते हुए कहा की लखीसराय मे कानून व्यवस्था नाम  की कोई चीज नहीं है। इस पर जदयू नेता व वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव सरकार की ओर से पक्ष रख रहे थे, तब उसी दरम्यान संजय सरावगी ने पिछले सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय मे स्पीकर के साथ पुलिस अधिकारियों के गलत ढंग से पेश आने का मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले में भी अभी तक कोई कारवाई नहीं हुई है। इस पर स्पीकर ने कहा कि यह मामला गंभीर है और इस पर 16 तारीख को फिर मंत्री को जबाब देना होगा।

जब सदन मे यह सब मामला चल रहा था तो उस समय सीएम नीतिश कुमार अपने चैंबर मे बैठ कर टीवी पर सदन की कार्यवाही देख रहे थे। स्पीकर के दो दिन बाद फिर से सदन मे जबाब देने का आदेश सुनते ही सीएम नीतिश कुमार सदन में पहुंच गए और सीधे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से उलझ गए और कहा की संविधान के अनुसार काम होगा और अगर आप इस तरह से सदन चलायेंगे तो हम नही चलने देंगे। इस पर स्पीकर ने भी सुशासन बाबू को करारा जवाब दिया। स्पीकर ने कहा की हम विधायिका का अपमान नही होने देंगे।

इस पर सीएम ने कहा की एक ही मामले को हर रोज उठाने का कोई अर्थ नहीं है तथा सीएम नीतिश कुमार ने स्पीकर पर यह भी आरोप लगाया कि आप पुलिस अनुसंधान में हस्तक्षेप कर रहे है। स्पीकर ने कहा की लखीसराय की घटना पर पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर रही है तथा मैं जब भी अपने क्षेत्र में जाता हूँ तो जनता डीएसपी और थाना प्रभारी पर कारवाई के संबंध में पूछते है। स्पीकर ने सीएम को यह भी कहा की आसन को हतोत्साहित करने की बात न हो।

असल में यह मामला की असली कहानी पिछले सरस्वती पूजा के समय की है। जब बीते फरवरी महीने में सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय में बार-बालाओं के डांस का आयोजन हुआ था। हथियारों के प्रर्दशन के साथ नर्तकियों पर जम कर नोटों की बरसात की गयी थी। वीडियो वायरल होने पर लखीसराय पुलिस हरकत में आई और दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जो सिर्फ डांस देखने गए थे। स्पीकर इसी क्षेत्र के विधायक भी है।

क्षेत्रीय विधायक होने के कारण क्षेत्र की जनता ने यह मामला स्पीकर के अपने क्षेत्र के भ्रमण के दौरान उठाया। इस पर स्पीकर ने डीएसपी और थाना प्रभारी को तलब किया। बातचीत के दौरान डीएसपी और थाना प्रभारी ने स्पीकर के साथ अभद्रता की। स्पीकर ने पटना पहुंचते ही राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को बुला कर लखीसराय के डीएसपी और थाना प्रभारी को निलंबित करने को कहा। इसके लिए बिहार विधानसभा में विशेषाधिकार समिति का गठन भी किया गया पर अभी तक इन दोनो पुलिस अधिकारियों पर कोई कारवाई नही हुई है। जिसके कारण स्पीकर भी नाखुश है।

जब सीएम नीतिश कुमार सदन में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को संविधान का पाठ पढ़ा रहे है तो उस समय जदयू विधायक मेज थपथपा रहे थे। जब बिहार मे स्पीकर के साथ पुलिस अभद्रता से पेश आती है तो आम जनता के साथ किस तरह से पुलिस पेश आती होगी? जबकि बिहार के गृहमंत्री का पद खुद नीतिश कुमार के पास ही हैं। जिस तरह से आज सदन में सुशासन बाबू नीतिश कुमार अपने व्यवहार का परिचय दिया वह इस बात को तो साबित करता हिया कि एनडीए सरकार मे सब कुछ ठीक-ठीक नही है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *