ममता सरकार ने किया भारत बंद का विरोध, बंगाल में रोकी गई ट्रेन ओड़िसा में ट्रेड यूनियनों की जारी है हड़ताल, जाने भारत बंद का विभिन्न जगहों पर क्या है असर

आदिल अहमद

बंगाल की ममता सरकार ने इस भारत बंद का विरोध किया है। सरकार ने 28 और 29 मार्च को किसी भी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश या आधे दिन की छुट्टी देने से साफ मना किया है। सरकार ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है, तो इसे आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।

पश्चिम बंगाल में बंद का असर साफ दिख रहा है। यहां वाम मोर्चे के सदस्य कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया। ओडिशा में ट्रेड यूनियनों ने सरकारी नीतियों के विरोध में आज और कल राष्ट्रव्यापी हड़ताल तथा बंद का आह्वान किया है।

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि हड़ताल के चलते बैंकिंग सर्विस पर असर पड़ सकता है। हालांकि बैंक ने यह भी कहा है कि हड़ताल के दौरान कामकाज को निपटाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है, लेकिन संभावना जताई रही है कि बैंक के कामकाज पर सीमित असर पड़ सकता है। दूसरी तरफ भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वे हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। संघ ने इस भारत बंद राजनीति से प्रेरित बताया है। मजदूर संघ के मुताबिक इस बंद का मकसद कुछ राजनीतिक दलों के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।

इस भारत बंद के चलते बहुत सारे काम-काज पर असर पड़ सकता है। सबसे बड़ा असर बैंकिंग सेक्टर पर पड़ सकता है। इसके अलावा इस बंद के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी दिख सकता है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियन भी हड़ताल में शामिल हो सकती हैं। इस भारत बंद में टेलिकॉम, कोयला, इस्पात, तेल, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी।

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