कानपुर: शर्मसार कर गई उर्सला की हरकत: 4 साल के मासूम को मुहैया न हो सका इलाज, घंटो भटकती रही मासूम की माँ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लिया संज्ञान
मो0 कुमेल
कानपुर: उर्सला की ये हरकत बेशक शर्मसार कर देने वालो है। बात गुरुवार की है जब दादानगर निवासी विधवा महिला अपने चार साल के बेटे अनुभव का इलाज कराने उर्सला इमरजेंसी आई थी। बच्चे पर अल्मारी गिरने से वह बेसुध हो गया था। यहां तैनात डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती करने के बजाय एक्सरे कराने को भेज दिया था। जब महिला एक्सरे करवा कर लाई तो डॉक्टर चले गए। बड़ी मुश्किल से दूसरे डॉक्टर मिले, तो उन्होंने बच्चे को देखते ही हैलट ले जाने को कह दिया था। इस तरह एक मासूम बच्चे को लेकर माँ भटकती रही और डाक्टर उसको टरकाते रहे।
अब ये मामला थोडा हाईटेक होता जा रहा है और डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने ट्वीट कर उर्सला के निदेशक को लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही दोबारा ऐसा न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन को सजग रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं कल शुक्रवार को डीएम नेहा शर्मा ने मामले में जांच कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने उर्सला पहुंचकर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इस मामले में उर्सला के निदेशक दो वार्ड ब्वाय को पहले ही निलंबित कर चुके हैं। लापरवाही बरतने पर ड्यूटी डॉक्टर डॉ0 के0एन0 कटियार, डॉ0 प्रवीण कुमार सक्सेना और फार्मासिस्ट सत्येंद्र सिंह और संजय यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को भी लिखा है।
कार्रवाई के बाद शुक्रवार को उर्सला इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के इलाज की व्यवस्था में सुधार नजर आया। मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण, इलाज के साथ ही गंभीर मरीजों को हैलट रिफर करते समय रिफर लेटर में ट्रीटमेंट का उल्लेख भी किया गया, जबकि पहले आमतौर पर इमरजेंसी के डॉक्टर गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार देना तो दूर बिना छूए ही कागज में रिफर टू एलएलआर (हैलट रिफर) लिखकर टरका देते थे। हालांकि, यह सख्ती कुछ दिनों की ही है। लगातार निगरानी न होने से डॉक्टर लापरवाही बरतते हैं।