ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: सीजेआई को मंडलायुक्त के माध्यम से नागरिक समाज ने सौपा ज्ञापन, कहा अदालत के बाहर एकपक्षीय रिपोर्टिंग, अफवाह व हर तरह के नकारात्मक अभियान पर लगे रोक
ए0 जावेद
वाराणसी: वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर उत्पन्न तनाव के संदर्भ मे जनता से संवाद अभियान के अंतर्गत बनारस का प्रतिनिधि मंडल मंडलायुक्त से मिला और मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें शहर की फिजा को बिगड़ने का सबसे बड़ा आरोप एकपक्षीय रिपोर्टिंग और अफवाह को मानते हुवे मांग किया गया कि सुप्रीम कोर्ट एकपक्षीय रिपोर्टिंग, अफवाह और हर तरह के नकारात्मक अभियान पर रोक लगाये।
इस प्रतिनिधि मंडल में सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, बुनकर समाज, किसान समाज तथा शहर के बुद्धिजीवी वर्ग के लोग शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने मंडलायुक्त का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित कराया कि सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायालय को ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण की जनसुनवाई में जो आदेश और निर्देश दिया उसमें “हीलिंग टच” की बात कही गई है। पर कुछ चैनलों द्वारा एकपक्षीय रिपोर्टिंग व सामाज के कुछ तत्वों द्वारा खुलेआम अफवाह और नकारात्मक अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके चलते समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर चोट पहुंच रही है और सर्वोच्च न्यायालय के हीलिंग टच के विचार पर भी प्रहार हो रहा है, इस पर रोक लगाई जाए।
इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी निम्न मांगे कमिश्नर मंडल आयुक्त के समक्ष रखी। उनसे कहा कि उपरोक्त मामले पर मीडिया ट्रायल पर रोक लगाई जाए और ऐसी खबरें न चलाई जाए जिससे सांप्रदायिक सद्भाव को खतरा पैदा हो। सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की जो बहस व चर्चा कराई जा रही है उसको भी जनहित में ध्यान में रखकर कराया जाए। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में खुद कहा कि भाई-चारा और एकता का सवाल सबसे ऊपर है इसलिए कोई भी संस्था, पक्ष-विपक्ष या व्यक्ति, हेट कैंपेन न चला सके। शासन-प्रशासन द्वारा इसको हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। प्रतिनिधि मंडल मे मुख्य रूप से विजय नारायन, कुँवर सुरेश, मनीष शर्मा, संजीव सिंह, रामधीरज, पारमिता, जागृति राही, रामजनम, शहजादी, फैजुलर्रहमान, परवेज़ भाई, बोदा अंसारी, राधेश्याम सिंह, आर0पी0 सिंह, अनूप श्रमिक, इरफ़ान उर्फी, डॉ अकबर इत्यादि लोग शामिल थे।