ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दरमियान “अल्लाह हु अकबर” का नारा लगाने के आरोपी अब्दुल सलाम को मिली अदालत से ज़मानत

शाहीन बनारसी

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे वाले दिन दिनांक 7 मई को शाम मगरिब की नमाज़ के वक्त मस्जिद में नमाजियों की भारी भीड़ हो जाने के बाद रोके जाने पर “अल्लाह हु अकबर” का नारा लगाने के आरोप में गिरफ्तार हुवे अब्दुल सलाम को आज अदालत ने ज़मानत दे दिया है। अदालत अब्दुल सलाम से 40 हज़ार के व्यक्तिगत बंधपत्र और उतनी ही राशि के दो जमानत पत्र पर रिहा करने का हुक्म जारी किया है।

गौरतलब हो कि 7 मई को शाम जब नमाज़-ए-मगरिब का वक्त अनकरीब था तो उस समय काफी नमाज़ी नमाज़ पढने जाने के लिए प्रयासरत थे। मस्जिद में अधिक नमाज़ी हो जाने से लोगो ने नमाजियों से अन्य मस्जिदों में नमाज़ पढने की अपील किया। दरमियान आरोप है कि अब्दुल सलाम ने “अल्लाह हु अकबर” का सांप्रदायिक नारे लगाये और इसके कारण आसपास असमंजस जैसी स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने सलाम पर आरोप लगाया है कि वह इस दरमियान पुलिस कम्रियो से भी धक्का मुक्की कर रहा था। पुलिस ने मौके से सलाम को गिरफ्तार कर लिया था।

सलाम की आज ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुवे आज अपर जनपद न्यायधीश शिखा श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी सलाम की ज़मानत मंज़ूर कर लिया है। ज़मानत पर बहस करते हुवे आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि हमारे मुवक्किल के खिलाफ कोई साक्ष्य उपलब्ध नही है और न ही कोई पहले का अपराधिक इतिहास है। जिस अभियोग में गिरफ़्तारी हुई है उसमे अधिकतम सज़ा 3 वर्ष है जो मजिस्ट्रेट प्रशिक्षनिया है। ऐसी स्थिति में ज़मानत का हकदार है।

मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीले सुनने के बाद अदालत ने मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों में उनके गुण-दोष पर बिना कोई टिप्पणी किये अभियुक्त अब्दुल सलाम की ज़मानत स्वीकार कर लिया। समाचार लिखे जाने तक ज़मानत पत्र भरने की कार्यवाही चल रही थी। उम्मीद है कि कल अब्दुल सलाम ज़मानत पर जेल से बाहर आ जायेगा।

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