सीएम उद्धव ठाकरे की मीटिंग में पहुचे 13 विधायक, जाने क्या “महाविकास अघाड़ी” की सरकार है खतरे में?, पढ़े कल रात से आज दोपहर तक हुवे पुरे घटनाक्रम
तारिक़ खान
महाराष्ट्र में जारी सियासी भूचाल और बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहा मातोश्री पहुचे उद्धव ठाकरे का ज़ोरदार स्वागत शिवसैनिको द्वारा किया गया है। वही दुसरे तरफ टीएमसी ने गुवाहाटी के उस होटल के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया है जहा शिवसेना के बागी विधायक रुके हुवे है। दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, लेकिन इसे पार्टी नेता संजय राउत ने चुनौती देते हुवे कहा है कि उनमे से आधे विधायक हमारे संपर्क में है और वह वापस आना चाहते है।
बताते चले कि शिवसेना के 41 विधायकों संग गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे ने एक विधायक के पत्र को ट्वीट कर शिवसेना नेतृत्व पर पार्टी नेताओं के लिए “गैरमौजूद” होने का आरोप लगाया, पत्र में कहा गया है, “मुख्यमंत्री के दरवाजे हमारे लिए 2।5 साल से बंद थे जबकि एकनाथ शिंदे हमेशा हमारे लिए थे।” इधर, सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई बैठक में केवल 13 विधायक ही शामिल हुए, जिससे तस्वीर साफ हो गई है कि महाविकास अघाड़ी की सरकार खतरे में है।
आज सुबह, शिवसेना के तीन विधायक – दीपक केसकर (सावंतवाड़ी से विधायक), मंगेश कुडलकर (चेंबूर) और सदा सर्वंकर (दादर) ने असम के लिए उड़ान भरी, जहां बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं। केसकर ने एक खबरिया चैनल को बताया कि “कल (एकनाथ) शिंदे के पास शिवसेना के 37 विधायक थे। आज मैं शिवसेना के तीन अन्य और एक निर्दलीय विधायक के साथ यहां पहुंचा। अगले कुछ घंटों में दो से तीन के पहुंचने की उम्मीद है।” जबकि संजय राउत ने कहा, “मैं किसी खेमे के बारे में बात नहीं करूंगा, मैं अपनी पार्टी के बारे में बात करूंगा। हमारी पार्टी आज भी मजबूत है। शिंदे की टीम में गए करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं। जब वे मुंबई आएंगे, तो आपको पता चल जाएगा। साथ ही जल्द ही यह खुलासा हो जाएगा कि ये विधायक किन परिस्थितियों और दबाव में हमें छोड़कर चले गए थे।”
अब एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि महाराष्ट्र में क्या महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर जाएगी? दलबदल विरोधी कानूनों के तहत अयोग्यता का सामना किए बिना पार्टी तोड़ने के लिए शिंदे को 37 शिवसेना विधायकों की जरूरत थी। बुधवार की रात तीन निर्दलीय और एक शिवसेना विधायक नितिन देशमुख महाराष्ट्र वापस आ गए थे। ऐसे में उनसे पास 31 विधायक ही बचे थे। जबकि दावा किया जा रहा है कि रात को चार शिवसेना विधायक और जुड़ गए, जिससे संख्या 35 हो गई। वहीं, गुरुवार की सुबह दीपक केसरकर, मंगेश कुडालकर आशीष जायसवाल और सदा सरवणकर टीम शिंदे में जुड़ गए, जिससे संख्या 39 हो गई।
इस संख्या बल को देखे तो अब महाविकास अघाड़ी की सरकार का गिरना लगभग तय है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच शीर्ष पद छोड़ने की पेशकश के कुछ घंटों बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार रात दक्षिण मुंबई के अपने आधिकारिक आवास से उपनगरीय बांद्रा स्थित पारिवारिक आवास ‘मातोश्री’ चले गए। बंगला छोड़ने से पहले सरकार पर आई संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि बुधवार को ठाकरे के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने 18 मिनट लंबे वेबकास्ट में विद्रोही नेताओं व आम शिवसैनिकों से भावुक अपील की। उन्होंने अनुभवहीन होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले साल के अंत में रीढ़ की सर्जरी के कारण वह लोगों से ज्यादा नहीं मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर शिवसैनिकों को लगता है कि वह पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिवसेना के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। ठाकरे ने कहा कि “सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।’
इधर, सियासी उथल-पुथल के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ सूरत गए पार्टी विधायक नितिन देशमुख लौट आए। उन्होंने बुधवार को दावा किया कि कुछ लोगों ने उन्हें जबरदस्ती वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया था और उन्हें इंजेक्शन लगाया गया जबकि उन्हें दिल का दौरा नहीं पड़ा था। उस्मानाबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी के एक अन्य विधायक कैलास पाटिल ने कहा कि वह विधायकों को सूरत ले जाने वाली एक कार से भाग गए, कई किलोमीटर पैद चले, दोपहिया और ट्रक पर सवार हुए और अंतत: उन्हें मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ‘वर्षा’ लाने के लिए मंगलवार तड़के एक वाहन भेजा गया। महाराष्ट्र से आए शिवसेना के बागी विधायकों के एक समूह को गुवाहाटी के जिस लग्जरी होटल में रखा गया है, उसके बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। इससे रेडिसन ब्लू होटल एक किले में तब्दील हो गया है। इस होटल में आम लोगों के प्रवेश करने पर तकरीबन अब रोक लगा दी गई है। गुवाहाटी पुलिस ने होटल के निजी सुरक्षा प्रहरियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है।