उपचुनावों नतीजो ने उत्तर प्रदेश में सपा को दिया तगड़ा झटका तो पंजाब में आप को लगा ज़ोरदार झटका
आदिल अहमद
डेस्क: उपचुनावों के नतीजे आ चुके है। देश में लोकसभा की तीन और विधानसभा की सात सीटों पर हुए इस उप-चुनाव के नतीजे आज शाम तक घोषित हों गये। जिन सीटों के परिणाम घोषित हुए हैं उनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीटें शामिल हैं। यहाँ सपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। वही पंजाब में आम आदमी पार्टी को एक जोर का झटका लगा है।
सपा की ट्रेडिशनल सीट रही उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़ में बीजेपी को सफलता मिली है। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी 40 हजार से ज्यादा वोटों से जीत गए हैं। वहीं, आजमगढ़ में बीजेपी के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को हरा दिया। उत्तर प्रदेश में उप-चुनाव इसलिए कराए गए क्योंकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और सपा नेता आजम खान ने आजमगढ़ और रामपुर की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। ये दोनों सीट सपा के खाते से भाजपा के खाते में गई है।
वही त्रिपुरा में बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है तो यहां कांग्रेस को एक सीट पर सफलता मिली है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह, को पद पर बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी था। उन्होंने इस उप-चुनाव में कुल 6 हजार मतो से जीत दर्ज की है। जबकि शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान ने 5 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज किया है। खास बात यह है कि उन्हें ये जीत संगरूर में मिली है, इस सीट को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गढ़ के रूप में देखा जा रहा था।
संगरूर लोकसभा उप-चुनाव में इस बार बीते कई सालों की तुलना में वोट प्रतिशत कम रहा है। इस साल सिर्फ 45.30 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जबकि 2019 और 2014 लोकसभा चुनाव में यहां कुल मतदान का प्रतिशत 72.44 और 76.71 था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने राजेंद्र नगर सीट पर हु उपचुनाव में जीत दर्ज किया है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 11 हजार वोट से मात दी है। इस सीट पर उप-चुनाव की जरूरत इस लिए पड़ी क्योंकि यहां से आम आदमी पार्टी के नेता राधव चड्ढ़ा राज्यसभा चले गए थे। जिस वजह से ये सीट खाली हो गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चुनाव में दुर्गेश पाठक को कुल 40,319 वोट मिले जबकि बीजेपी के राजेश भाटिया को 28,851 मतों से ही संतोष करना पड़ा। जबकि कांग्रेस की प्रेमलता को 2,014 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधायक बंधु तिर्की की अयोग्यता के बाद झारखंड में उपचुनाव हुए। कांग्रेस ने उनकी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को सत्तारूढ़ JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन के आम उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर को इस सीट से उम्मीदवार बनाया। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार देव कुमार धन ने भी चुनाव लड़ा। फरवरी में उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी के निधन के बाद आंध्र प्रदेश में उपचुनाव हुआ। इस सीट के लिए उनके छोटे भाई विक्रम रेड्डी को सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने जी भरत कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है।