आजमगढ़: रब की बारगाह में सर झुकाकर नमाजियों ने मांगी अपनी गलतियों की मुअ’फ़ी, जामियाअतुल फलाह के मैदान में विशेष नमाज़ अदा कर रब से कहा “या अल्लाह तू बारिश दे”
संजय ठाकुर
आज़मगढ़: बारिश न होने से पूर्वांचल में सूखे का डर अब आम जन मानस को सताने लगा है। कहा जाता है की अल्लाह (भगवान) नज़र नहीं आता मगर हकीकत ये है कि वही नज़र आता है जब कोई नज़र नहीं आता है। मानसून गुज़रता जा रहा है और सावन का महीना शुरू हो चूका है मगर बारिश पूर्वांचल को तरसाती जा रही है। बारिश के न होने से सूखे का डर अब दिलो में घर करता जा रहा है। बारिश की चाह में आज़मगढ़ जनपद में नमाजियों द्वारा विशेष नमाज़ अदा कर रब की बारगाह में अपनी खताओ की मुअ’फ़ी मांगी और अल्लाह से बारिश की इल्तिजा किया। मौलाना ने बताया कि कुदरत को खुश करने के लिए नमाज पढ़ी गई है। जिसमें बारिश के लिए दुआ मांगी गई है।
विशेष नमाज का यह आयोजन बिलरियागंज कस्बा स्थित जामियाअतुल फलाह के मैदान में किया गया। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने नमाज पढ़ते हुए अच्छी बारिश के लिए दुआ की। इस दौरान गुनाहों की मुअ’फ़ी मांगने के साथ ही जल्द बरसात होने की दुआ भी मांगी गई। आषाढ़ के सूखा रहने और सावन में भी अब तक बारिश के आसार न दिखने से लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है। आजमगढ़ जिला जो खेती किसानी पर आधारित है। वहां बारिश के नाम पर अभी तक सिर्फ बूंदा-बंदी ही हुई है। जिले में नहरें-पोखर और तालाब सब सूख चुके हैं। इस कारण जल संकट नजर आने लगा है। जिसको देख कर किसानों सहित आम आदमी घबराया हुआ है। अपने-अपने हिसाब से कुदरत को खुश करने की कोशिश में लगा है।
एक पखवारे से आजमगढ़ जिले में बादलों की लुकाछिपी का खेल तो चल रहा है लेकिन बरसात नहीं हो रही है। इस कारण फसलें सूखने लगी हैं तो वहीं धान की रोपाई अब तक नहीं हो सकी है। देश के कई हिस्सों में लोग बरसात से बेहाल हो चुके हैं तो वहीं आजमगढ़ में आसमान से आग बरस रही है। मानसूनी बरसात का नजारा अब तक आजमगढ़ जिले में नहीं देखने को मिला है। इस कारण जल संकट नजर आने लगा है। जिन लोगों ने ट्यूबवेल आदि से धान की रोपाई किसी तरह कर दी, उनकी फसल अब सूखने के कगार पर पहुंच गई है। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शनिवार सुबह बिलरियागंज कस्बा के जामियाअतुल फलाह के मैदान में विशेष नमाज पढ़ी।
जामियाअतुल फलाह के डायरेक्टर मौलाना ताहिर मदनी ने कहा कि रात हो या दिन लोग गर्मी से परेशान हैं। पूरा जिला सूखे की चपेट में आता जा रहा है। पशुओं के लिए हरा चारा भी नहीं मिल रहा है। बरसात के लिए ही विशेष नमाज के माध्यम से रब्बुलआलमीन से गुनाहों की मुअ’फ़ी मांगते हुए बरसात के लिए दुआ मांगी गई। मौलाना ताहिर मदनी ने कहा कि जब धरती पर पाप बढ़ जाता है तो अल्लाह की तरफ से आजाब आता है। जिसके तहत बरसात रोक दी जाती है। मानवता समाप्त होने लगती है और मानव त्राहि-त्राहि करने लगते है। वर्तमान में बरसात नहीं हो रही है, जिसके चलते त्राहि-त्राहि मची है। पिछले एक सप्ताह से मौसम का मिजाज कुछ हल्का जरूर हुआ है लेकिन यह इतना नरम नहीं हुआ है कि लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिल सके। बीच में मौसम का अधिकतम पारा घटकर जो 35 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था वह अब एक बार फिर से 37 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।