दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र में चलते अवैध निर्माण ने ले लिया एक जान, केसीएम के बगल में निर्माणाधीन भवन की ईंट गिरी काशी घुमने आई युवती के सर पर, इलाज के दरमियान हुई मौत
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी में चलते अवैध निर्माण अब जी का जंजाल बनते जा रहे है। स्थानीय जेई और जोनल की विशेष कृपा से अवैध निर्माण चलता तो जोरो शोर से है। मगर हालात ऐसे है कि कई निर्माण जानलेवा होते जा रहे है। ऐसा ही एक मामला आज दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र के बॉसफाटक इलाके में सामने आया जहा एक अवैध रूप से निर्मित हो रहे बहुमंजिले भवन की ईंट गिरने से काशी भ्रमण के लिए आई युवती की जान चली गई।
मामला दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के गोदौलिया-बांसफाटक रोड स्थित केसीएम के पास का है। जहा आज बुधवार की देर शाम काशी घूमने आयी युवती के सर पर इस निर्माणधीन इमारत से ईंट गिर गई जो सीधे युवती के सर पर आकर गिरी। ईंट युवती के सर पर गिरने से युवती मौके पर लहुलुहान होकर गिर पड़ी। जिसके बाद आसपास खड़े लोगो ने युवतो को ट्रामा सेंटर पहुचाया। जहा इलाज के दरमियान युवती की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतक युवती चंदौली जनपद के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र स्थित रामनगर इंडस्ट्रियल ऐरिया वीडीए कालोनी के रहने वाले जय घोष की बेटी मुस्कान (21) थी। मुस्कान आज वाराणसी नगर में घुमने आई थी। केसीएम के पास से वह होकर गुज़र रही थी कि वही बगल में निर्माणाधीन भवन से एक ईंट नीचे गिरी जो सीधे उस युवती के सर पर आकर लगी। बताया जा रहा है कि मृतक मुस्कान पैदल ही उस रास्ते आ रही थी, तभी यह घटना घटी है। घटना की सूचना पर परिवार वाले भी ट्रामा सेंटर पहुचे जहा उनका रो रो कर बुरा हाल है।
बताया जाता है कि निर्माणाधीन भवन गोकुल पाण्डेय का है और हरा पर्दा डाल कर बिना किसी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम को किये यह निर्माण नियमो को ताख पर रख कर ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है। इस भवन का नक्शा मिल रही अपुष्ट जानकारी के अनुसार वाराणसी विकास प्राधिकरण से पास नही है, फिर भी नियमो को ताख पर रख कर यह निर्माण जारी है। निर्माण अब ये वैध है अथवा अवैध निर्माण हो रहा है यह तो वाराणसी विकास प्राधिकरण ही जाने। मगर इस निर्माण में बरती जा रही लापरवाही ने आज एक जान ज़रूर ले लिया। शायद अब इसके बाद प्राधिकरण जागेगा और कार्यवाही की बात होगी। मगर सवाल ये है कि यह सभी कार्यवाही इस प्रकार की दुर्घटना से पहले क्यों नही होती है?