बहुत देखा होगा आपने शादी का कार्ड, ये देखे “तलाक” का कार्ड, विरोध के बाद हुआ कार्यक्रम निरस्त, जाने क्या क्या होता कार्यक्रम
तारिक खान
आपने शादी के कार्ड काफी देखे होंगे। काफी शादी के कार्यक्रम भी आप हर महीने दो महीने में आपने अटेंड किये होंगे। मगर क्या कभी आपने तलाक का कार्ड और तलाक की दावत देखा है? नही देखा तो देखिये तलाक का कार्ड। अपने आप में अनोखा होने वाला ये आयोजन विवादों में घिर जाने के बाद भले निरस्त हो गया है और आयोजकों ने कार्यक्रम नहीं करने का फैसला लिया है। मगर भाई वेलफेयर सोसायटी ने विवाह विच्छेद समारोह जैसा कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा करके सोशल मीडिया पर हडकंप मचा दिया है। कार्यक्रम 18 सितंबर को होने वाला था।
दरअसल भोपाल में तलाकशुदा पति अपने तलाक का जश्न मनाने की तैयारी में थे। 18 सितंबर को बाकायदा इसके लिए डिवोर्स पार्टी रखी गई थी। जहां पति, पत्नियों से अलग होने की खुशी को सेलिब्रेट करने वाले थे। इस पार्टी में लोगों को बुलाने के लिए बिल्कुल शादी की तरह कार्ड तक बांटे गए थे। पार्टी का आयोजन कर रही भाई वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जकी अहमद ने बताया था कि इस पार्टी में 200 ऐसे लोग शामिल होंगे, जिनका कड़े संघर्ष के बाद तलाक हुआ है।
जकी बताते हैं कि पार्टी किसी को ठेस पहुंचाने के मकसद से नहीं कर रहे हैं। संस्था का सिर्फ इतना ही उद्देश्य है कि पुरानी जिंदगी को तिलांजलि देकर नई जिंदगी की शुरुआत की जाए। संस्था ने पत्नियों से अलग होने, पुरानी जिंदगी को तिलांजलि देकर नई जिंदगी की शुरू करने वाले पतियों के सम्मान में यह कार्यक्रम रखा है। जकी ने बताया कि प्रोग्राम 18 सितंबर को सुबह 11 बजे रायसेन रोड के एक फार्म एंड रिसोर्ट में होगा। समारोह में जयमाला विसर्जन, सद्बुद्धि शुद्धिकरण यज्ञ, बारात वापसी, पुरुष संगीत, मानव सम्मान में कार्य करने के लिए सात कदम और सात प्रतिज्ञा ली जाती। इन सभी के बाद मुख्य अतिथि द्वारा विवाह विच्छेद की डिक्री भी दी जाने का कार्यक्रम था।
इस दौरान समारोह में पति शादी की यादगार चीजों जैसे पगड़ी, जयमाला, फेरे की फोटो इन सभी का विसर्जन करते, जिससे वे पुरानी बातें भूल एक बार फिर नए जीवन की शुरुआत कर सकें। अध्यक्ष जकी अहमद का कहना है कि हम ऐसे पतियों के लिए यह कार्यक्रम कर रहे थे जो पत्नी के अत्याचारों से दुखी होकर हताश-निराश हैं। कई तो टूटी शादियों में लड़की पक्ष से मिली प्रताड़ना, कानूनी लड़ाई और आर्थिक मोर्चे से टूटकर खुदकुशी तक कर लेते हैं। ऐसे लोगों को संबल देने के लिए, उन्हें सम्मानित करने के लिए हमने यह आयोजन करने का फैसला किया था। लोग शादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन तलाक का उत्सव उससे ज्यादा जरूरी है। हर पुरुष अत्याचारी नहीं होता, इसी तरह हर स्त्री बेचारी नहीं होती।
बताते चले कि भाई वेलफेयर सोसायटी की शुरुआत 2014 में हुई थी। संस्थान ने प्रताड़ित पुरुषों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। हमारी कोशिश रहती है कि पीड़ित किसी भी तरह से डिप्रेशन का शिकार होकर खुदकुशी जैसे कदम ना उठाएं। इससे 3 साल पहले भी जिन तलाकशुदा पतियों की दोबारा शादी हुई है, उनकी शादी का रिसेप्शन सोसायटी की तरफ से किया गया था। आगे भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। हम अदालत में भी पीड़ित पतियों की मदद करते हैं।