हिजाब प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में हुई आज सुनवाई में सलमान खुर्शीद ने दलील पेश करते हुवे कहा “कुरआन में जो कुछ है वह सभी अनिवार्य है, गैर-अनिवार्य जैसा कुछ नही है”, बुद्धवार को फिर होगी सुनवाई
मोहम्मद कुमैल
डेस्क: हिसाब प्रकरण में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई किया। आज हुई सुनवाई के दरमियान कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के लायर सलमान खुर्शीद ने हिजाब के समर्थन में ज़बरदस्त दलील पेश करते हुवे कुरआन आयातों का तर्जुमा भी बताया। उन्होंने कहा कि कुरआन में जो कुछ है वह सभी अनिवार्य है और गैर अनिवार्य जैसा कुछ भी नही है। उन्होंने दलील देते हुवे कहा कि इस्लाम में अनिवार्य और गैर-अनिवार्य जैसी कोई बात नहीं है।
सलमान खुर्शीद ने दलील दिया कि कुरआन में जो कुछ है वह अनिवार्य है और पैगंबर ने जो व्याख्या (हदीस) की है वह भी अनिवार्य है। सलमान खुर्शीद ने बुर्का, हिजाब और जिलबाब की तस्वीरों को दिखाकर उनके बीच के अंतर को अदालत को बताया। खुर्शीद ने अदालत में कहा कि संस्कृति महत्वपूर्ण है क्योंकि संस्कृति पहचान की ओर ले जाती है।
खुर्शीद ने कहा कि क्या मुझे ड्रेस कोड की सदस्यता लेनी होगी? लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि मैं इसके अलावा कुछ भी नहीं पहन सकता जो मेरी संस्कृति या धर्म के लिए महत्वपूर्ण हो? सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब हम गुरुद्वारा जाते हैं तो लोग हमेशा अपना सिर ढक कर रखते हैं। यह संस्कृति है। कुछ देशों में लोग मस्जिदों में अपना सिर नहीं ढकते हैं, लेकिन भारत में हर कोई सिर ढकता है। यह संस्कृति है।
खुर्शीद ने कहा कि मैं निर्धारित वर्दी पहनूंगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या मैं कुछ और पहन सकता हूं जो मेरी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर मैं सेना में हूं तो मुझे निर्धारित वर्दी पहननी होगी। अगर मैं बार काउंसिल का सदस्य हूं तो मुझे निर्धारित यूनिफार्म पहननी होगी। मैं निर्धारित यूनिफॉर्म पहनूंगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या मैं कुछ और पहन सकता हूं जो मेरी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पुट्टस्वामी फैसले का हवाला देते हुए कहा कि परिधान और दिखने की पसंद भी निजता का एक पहलू है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिया अगली तारिख 14 सितम्बर मुक़र्रर किया है। यानि अब इस मामले में अदालत बुद्धवार को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं के तरफ से और भी नजीर तथा दलील इस दिन भी अदालत में पेश होने की संभावना है।