ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: पूजा अर्चना की मांग करने वाली स्वामी अविमुक्तारेश्वरानन्द की याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर मुक़र्रर

शाहीन बनारसी/अजीत शर्मा

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली आकृति जिसको वादिनी मुकदमा पक्ष शिवलिंग और अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी फव्वारा होने का दावा कर रही है को शिवलिंग होने का दावा करते हुवे उसकी नियमित पूजा अर्चना और राग,भोग की मांग करते हुवे स्वामी अविमुक्तारेश्वरानद द्वारा दाखिल याचिका पर आज सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दरमियान दोनों पक्ष की जानिब से ज़बरदस्त बहस हुई। बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 8 अक्तूबर मुक़र्रर कर दिया है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जानिब से वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी, चंद्रशेखर सेठ, रमेश उपाध्याय व एसके द्विवेदी के जरिए अदालत में दाखिल इस वाद को वादी पक्ष की ओर से अर्जेंट आवेदन देकर कहा गया था कि देवता नाबालिग होते हैं। उनकी देख-रेख कोई और करता है। जब देवता नाबालिग हैं तब एक दिन भी पूजा पाठ, राग भोग के बगैर रखना सनातन धर्म और विधि के अनुकूल नहीं है। इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, वाराणसी के डीएम और पुलिस आयुक्त को उनकी ओर से प्रतिवादी बनाया है।

इस मामले में आज हुई बहस के बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारिख 8 अक्टूबर मुक़र्रर किया है। जबकि दूसरी तरफ अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी के जानिब से जिला जज की अदालत से ख़ारिज हुवे आदेश 7 नियम 11 की याचिका पर हाई कोर्ट में अगले सप्ताह अपील दाखिल करने की संभावना है।

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