लखीमपुर (खीरी) के निघासन काण्ड के बाद हुई किरकिरी के बाद भीरा काण्ड में भी हुई पुलिस की किरकिरी, अंतिम संस्कार न करने पर अड़े परिजनों को मानाने में लगे प्रशासन को दो घंटे
फारुख हुसैन
लखीमपुर: लखीमपुर के निघासन में हुई घटना के बाद पुलिस की अच्छी खासी किरकिरी हुई है। इसके बाद भी शायद प्रशासन नही चेता था और भीरा कांड में भी अपनी किरकिरी करवा बैठा। भीरा काण्ड में मृतका के अंतिम संस्कार हेतु परिजन तैयार ही नही थे। इसकी जानकारी जैसे ही उच्चाधिकारियों को लगी तुरंत मौके पर जनपद के बड़े अधिकारी पहुचे और लगभग 2 घंटे के मान मनौव्वल के बाद परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुवे। मृतका के भाई द्वारा रिपोर्ट में धाराएं बढ़ाने के साथ और भी कई मांगे थे और परिजन मांगो पर अड़े हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने परिवार को समझा-बुझाकर मृतका का अंतिम संस्कार कराया।
pnnआज शनिवार की दोपहर 1:40 बजे पोस्टमार्टम के बाद गांव में मृतका का शव पहुंचा तो मृतका के भाई ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उसका कहना था कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, शव का अंतिम संस्कार वह लोग नही करेगे। मौके पर मौजूद पुलिस ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो अपराह्न 2:40 बजे एएसपी अरुण कुमार सिंह, सीओ गोला राजेश कुमार, सीओ निघासन संजय नाथ तिवारी मौके पर पहुंचे और मृतका के भाई से वार्ता की गई तथा शव का अंतिम संस्कार करने के लिए समझाया। मृतका के भाई की मांग थी कि रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की कोशिश की धारा बढ़ाने, 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, आवास व परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने के लिखित आश्वासन के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इसके बाद तीन बजे सपा के पूर्व विधायक विनय तिवारी, पूर्व एमएलसी शशांक यादव मौके पर पहुंचे और प्रशासन से मांगें पूरी करने को कहा। 3:30 बजे एसडीएम गोला अरुण कुमार, एसडीएम पलिया कार्तिकेय सिंह, तहसीलदार गोला विनोद गुप्ता और बीडीओ देवेंद्र प्रताप सिंह समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को फिर से समझाने का प्रयास किया।
बीडीओ बिजुआ देवेंद्र प्रताप सिंह ने एक आवास देने का आश्वासन दिया और एसडीएम गोला ने बताया कि सहायता राशि के लिए प्रपोजल शासन को भेज दिया गया है। सरकारी नौकरी की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी की जाएगी। नामजद आरोपी गिरफ्त में हैं और लापरवाही बरतने वाले एसआई सुनील कुमार यादव को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों के कठोर कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए और साढ़े चार बजे मृतका के शव को ट्रैक्टर ट्राली द्वारा अंतिम संस्कार के लिए मौके पर ले जाया गया। चारों तरफ बारिश का पानी भरा होने के कारण मृतका का अंतिम संस्कार घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर किया गया। मामला दो समुदाय के बीच का होने के कारण तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए गांव में पीएसी व अन्य पुलिस बल को तैनात रखा गया है।