विद्यापीठ में काउंसलिंग के दरमियान छात्रो के दो गुटों ने जमकर काटा हंगामा,  टूटी कुर्सियां, काउंसलिंग हुई निरस्त

शाहीन बनारसी/आनन्द यादव

वाराणसी: महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ में आज बी0काम की काउंसलिंग के दरमियान छात्रो का दो गुट एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अचानक उग्र हो गया। इस दरमियान जमकर हंगामा हुआ और हंगामे के दौरान हिंसक दौर में कुर्सियों को तोड़ डाला गया। हंगामे के चलते आज की काउंसलिंग निरस्त कर दिया गया है। दाखिले के आज पहले दिन बीकॉम के लिए प्रवेश परीक्षा में सामान्य मेरिट लिस्ट के 41 उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दाखिले के लिए बुलाया गया था। लेकिन दोपहर 12 बजे तक करीब 30 विद्यार्थी काउंसिलिंग के लिए पहुंचे। हंगामा शुरू होने से पहले 10 छात्रों की ही काउंसिलिंग हो पाई थी।

हुआ कुछ इस तरह से कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बी0 काम में प्रवेश के लिए आज काउंसिलिंग हो रही थी। इसी दरमियान छात्रसंघ चुनावों में भाग्य आजमाने वाले छात्र नेता का एक गुट दुसरे गुट पर प्रवेशार्थियों का डाटा लीक किये जाने का आरोप लगा कर हंगामा करना शुरू कर दिया। इसको लेकर दुसरे गुट ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। कुर्सियां व मेज आदि तोड़े गए। इस दौरान विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी और पुलिस पहुंच कर हंगामा कर रहे छात्रो को शांत करवाने का प्रयास करने लगी। मगर छात्रो का एक गुट अपनी मांग पर अडा हुआ था।

जिसके बाद चीफ प्राक्टर ने पहुंचकर उग्र छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन छात्र नही माने। छात्रों के विरोध के कारण काउंसिलिंग स्थगित करनी पड़ी। छात्रनेता ऋतिक सिंह ने बताया कि काउंसिलिंग में सहयोग के लिए चीफ प्राक्टर ने छात्रनेताओं से सहयोग मांगा गया था। छात्रनेता वहां मौजूद रहकर उसमें सहयोग भी कर रहे थे। इसी दौरान पता चला कि किसी ने काउंसिलिंग के लिए आए सभी छात्रों का डाटा एक भावी प्रत्याशी को लीक कर दिया। इसके बाद उस भावी प्रत्याशी की ओर से छात्र-छात्राओं को मैसेज किये जा रहे थे। यह मैसेज जब उन्होंने देखा तो हंगामा होने लगा। सोनू शुक्ला ने बताया कि किसी ने लड़कों को मैसेज किया है। हर प्रत्याशियों को समर्थन की जरूरत होती है। सब अपने-अपने स्तर से चुनाव के लिए प्रयास करते हैं। कुछ लोग प्रशासनिक कार्य में बाधा डालने का काम कर रहे हैं। यह कार्य छात्र हित में नही है।

इन सबके बावजूद भी छात्रो का हंगामा रुका नही और वह लोग कुलसचिव से मिलने उनके कार्यालय चले गए। छात्र नेताओ ने कुलसचिव सुनिता पांडेय के कार्यालय में पहुंचकर दूसरे पक्ष के नेता को चुनाव न लड़ने के लिए बर्खास्त करने की मांग किया। एक पक्ष के अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि दूसरे गुट के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी गौरव सिंह ने प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण सभी छात्र-छात्राओं को व्हाट्सएप के माध्यम से संदेश भेज कर चुनाव में उसे जिताने की अपील की है। छात्र नेताओं ने काउंसिलिंग कमेटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना कमेटी की मदद से इस साल प्रवेश परीक्षा में पास हुए छात्र-छात्राओं का नंबर कहां से मिला। वहीं दूसरे पक्ष के छात्र नेता गौरव सिंह ने बताया जिस दिन प्रवेश परीक्षा हो रही थी, उसी दिन सभी परीक्षा केंद्रों से विद्यार्थियों व उनके परिजनों के नंबर लिए था। परीक्षा के परिणाम आने के बाद जिन विद्यार्थियों ने प्रवेश परीक्षा पास किया था उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से काउंसिलिंग संबंधित जानकारियां दी गई थी।

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