लखनऊ: मूर्ति विसर्जन करने गये दो युवको की डूबने से हुई मौत, बाल बाल बचा तीसरा युवक
रेहान अहमद
लखनऊ: राजधानी के मड़ियांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत घैला पुल के पास लालबाग गांव का है। जहां पर गोमती नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। दोनों युवक मूर्ति विसर्जन करने के लिए नदी में उतरे थे, जहां पर यह हादसा हुआ है। मूर्ति विसर्जन के दौरान दो युवकों के डूबने की पुष्टि होते ही वहां अफरातफरी का माहौल हो गया। वहीं स्थानीय लोगों की मदद से दोनों की तलाश शुरू की गई। लेकिन पुलिस काफी देर तक मौके पर नहीं पहुंची। जिसे लेकर लोगों को हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस का दावा है कि सूचना मिलने के 15 मिनट के अंदर टीम पहुंच गई थी। गोताखोरों की मदद से शव की तलाश शुरू कर दी गई थी।
डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी के मुताबिक सूचना मिलते ही मड़ियांव व ठाकुरगंज की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे तक नदी में सर्च अभियान चला। इसके बाद शव को बाहर निकाला गया। पुलिस के मुताबिक हादसा दो बजे के करीब हुआ था। वहीं मूर्ति विसर्जन के लिए गये लोगों में ज्यादातर नशे में धुत्त थे।
लालाबाग रमना में सुबह दुर्गा पूजा धूमधाम से की जा रही थी। सभी के घरों में कन्या पूजन हुआ। दुर्गा प्रतिमा के लिए बने पांडाल में आरती हुई। गांव की महिलाएं मंगल गीत गा रही थी। जब प्रतिमा विसर्जन के लिए निकल रही थी, तो युवक भक्ति गीतों पर झूम रहे थे तो वहीं महिलाएं विदाई गीत गाने लगी थी। अभी इस माहौल की खुमारी उतरी भी नहीं थी कि घंटे भर के अंदर हादसे की सूचना गांव में पहुंची। लालाबाग के प्रेम यादव के इकलौते बेटे संतराम की मौत की सूचना से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीणों के मुताबिक संतराम की मां बचपन में ही छोड़कर चली गई थी। पिता ने ही उसे पाला था। संतराम के परिवार में पत्नी सीमा, दो बेटियां आराधना व अनुष्का हैं।
डीसीपी उत्तरी सैय्यद कासिम आब्दी के मुताबिक ठाकुरगंज के लाला बाग रमना में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना हुई थी। मंगलवार को हवन पूजन के बाद दोपहर करीब एक बजे इलाके के लोग मूर्ति विसर्जित करने के लिए घैला पुल के पास गये थे। इस में बालागंज के नई कालोनी का अमन साहू और लाला बाग रमना का संतराम यादव भी गया था। अमन साहू की मिठाई व चाय का होटल है। वहीं संतराम गांव के बाहर सड़क पर पान की दुकान चलाता था। दोनों गोमती नदी के किनारे पहुंचे तो वहां मूर्ति लेकर पानी में उतरने लगे। उनके साथ कई अन्य लोग भी थे।
कासिम आब्दी ने बताया कि जिस तरफ मूर्ति विसर्जित कर रहे थे वहां काफी गहरान थी। जिसका अंदाजा नहीं था। दोनों अचानक गहरे पानी में चले गये। अभी लोग समझ पाते तो गहराई की तरफ मूर्ति झूकी और नदी में गिर गई। दोनों मूर्ति के नीचे दब गये थे। दोनों डूब गये। मूर्ति विसर्जन कर बाहर निकलने के दौरान कुछ लोगों ने अमन व संतराम को न देखकर शोर मचाया। इस पर लाला बाग रमना का पवन नदी में कूद गया। पवन के मुताबिक उसने अमन व संतराम को डूबते देख लिया था। काफी देर तक वह नदी में तलाशता रहा लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वह भी गहरे पानी में जाने के कारण डूबने लगा। किसी तरह बाहर निकला और अपनी जान बचाई।