दुष्कर्म के आरोपी ने फ़िल्मी अंदाज़ में गढ़ी खुद के मौत की कहानी, सुन कर चौंक जायेंगे आप

अनिल कुमार

बिहार: बिहार के भागलपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप चौंक जायेंगे। मामला इशीटपुर बाराहाट थाना क्षेत्र के मधुरा सिमानपुर गांव का है जहाँ की एक छात्रा ने शिक्षक नीरज मोदी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। आरोपी शिक्षक ने सजा से बचने के लिए खुद के मौत की झूठी कहानी रची।

दुष्कर्म आरोपी ने खुद की मौत की ऐसी कहानी गढ़ी की, जिसने हर किसी को चौंका दिया है। यही नहीं, इस करतूत में उसके पिता ने भी उसका साथ दिया। यहाँ तक कि आरोपी शिक्षक ने अपने पिता से अंतिम संस्कार का नाटक भी कराया।  आरोपी ने पुलिस को भरमाने के लिए चिता पर लेटकर पिता से फोटोग्राफी कराई। इसके बाद आरोपी के पिता ने पॉक्सो कोर्ट में उन तस्वीरों को पेश किया। इसके बाद दोनों पिता-पुत्र लापता हो गए। पुलिस ने भी उसकी मौत को सच मानकर माले के ठंडे बस्ते में डाल दिया था। कोर्ट में भी केस बंद हो गया था।

इसके बाद जैसे ही पीड़िता की मां ने इस कहानी का पर्दाफाश किया तो आरोपी ने नाटकीय अंदाज़ में अदालत पहुंचकर सरेंडर कर दिया। पीड़िता ने आरोपी नीरज मोदी के खिलाफ 14 अक्तूबर 2018 को दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। यह मामला कोर्ट तक पहुंचा। लेकिन इस बीच आरोपी के पिता राजाराम मोदी ने बेटे को बचाने के लिए झूठी कहानी बनाई। उसने बेटे को कफ़न ओढ़ाया, चिता पर आंखे बंदकर लिटाया और तस्वीरें लीं। यही नहीं उसने कहलगांव श्मशान गाट से लकड़ी खरीद वाली रसीद भी बनवा ली। ताकि किसी तरह का शक न रहे।

फिर बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाया और कोर्ट में शपथ पत्र के साथ दाखिल कर दिया। इसके बाद कोर्ट में केस बंद हो गया। लेकिन इस साजिश की भनक पीड़िता की मां को लग गई। पीड़िता की मां ने पीरपैंती के प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक अर्जी में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी दी और मामले की जांच की मांग की। फिर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मामले की जांच कराई, सारी पोल-पट्टी खुल गई। अधिकारी के निर्देश पर 21 मई 2022 को आरोपी नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया और उसे जेल भेज दिया गया। वहीं आरोपी के मृत्यु प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया।

वहीं विशेष पॉक्सो न्यायाधीश लवकुश कुमार ने मामले की जानकारी मिलते ही 23 जुलाई 2022 को ईशीपुर बाराहाट थानाध्यक्ष को तलब किया और उनसे दुष्कर्म आरोपी के जीवित होने या मृत्यु हो जाने से जुड़ी रिपोर्ट मांगी थी। थानाध्यक्ष ने रिपोर्ट देने के बजाय चुप्पी साध ली थी। इसके बाद न्यायाधीश लवकुश कुमार ने थानाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया।

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