मिर्ज़ापुर में बेकसूर ऑटो चालक को झूठे ड्रग्स केस में फ़साना पड़ा पुलिस वालो को भारी, अदालत ने दिया दरोगा और दो कांस्टेबल पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश
ए0 जावेद
मिर्जापुर जिले में मादक पदार्थ के साथ फर्जी गिरफ्तारी के मामले में न्यायालय ने एक दरोगा और दो कॉन्स्टेबल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। एनडीपीएस मामलों की स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश वायु नन्दन मिश्रा ने अभियोजन की कहानी को फर्जी बताते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है।
वहीं, गिरफ्तार करने वाली टीम के एक दरोगा और दो कांस्टेबल के पास मादक पदार्थ होना पाया गया, जिसे आरोपी के पास प्लांट करके उसे गिरफ्तार किया गया। इसलिए गिरफ्तार करने वाली टीम के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में ही मुकदमा दर्ज किया जाए।पुलिस की कार्यप्रणाली से खफा कोर्ट ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखते हुए कहा है कि जिले की पुलिस नागरिकों के मूल अधिकारों का गंभीर रूप से हनन कर रही है।
बतातेचले कि केस के अनुसार मिर्जापुर जिले के इमामबाड़ा निवासी 20 वर्षीय सुलेमान पर 29 जून 2021 की रात को पुलिस ने 79 ग्राम अल्प्राजोलम पाउडर के साथ सुलेमान को गिरफ्तार किया। मुकदमा कटरा कोतवाली थाने में दर्ज किया गया। आनन-फानन में पुलिस ने ऐसे जुर्म का पुलिंदा अदालत के सामने पेश किया जिसका सुलेमान से कोई वास्ता ही नहीं था। सुलेमान को फर्द के अनुसार एक दरोगा और दो कांस्टेबल ने मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया था।
सुलेमान लगभग 6 महीने जेल के सलाखों के पीछे कैद रहा। इधर सुलेमान की मां अफसाना बेटे के जेल चले जाने का गम साथ में लेकर सुलेमान को छुड़ाने के प्रयास में करती रही। इसके बाद अगले दिन सुलेमान का चलान कर दिया और वह फिर जेल चला गया। बीते 21 दिसंबर को सुलेमान जेल से छूटकर घर आया और सुलेमान की जिंदगी में उजाला हो गया। अब उसे अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्र ने फैसला सुनाते हुए सुलेमान को दोषमुक्त करार दिया और रिहाई मिल गई।
सुलेमान के वकील आकाश प्रताप सिंह ने बताया पुलिस ने कोई भी सबूत न्यायालय के सामने प्रस्तुत नहीं किया और ना ही एनडीपीएस एक्ट के प्रावधान का पालन किया। न्यायालय में ऐसे बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। हमारे एफटीसी प्रथम न्यायधीश वायुनंदन मिश्रा ने बहुत अच्छा निर्णय लिय एक बेकसूर और बहुत ही गरीब परिवार को न्याय दिया है।