गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला प्रकरण में अहमद मुर्तजा को अदालत ने सुनाई सजा-ए-मौत
तारिक खान
लखनऊ: गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी के खिलाफ एनआईए कोर्ट ने आज सजा का ऐलान करते हुवे फांसी की सजा सुनाई है। मुर्तजा पर युएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ था और इसे आतंकी माना गया था। मुर्तजा ने अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था। आज सोमवार, 30 जनवरी को आतंकी मुर्तजा अब्बासी को कड़ी सुरक्षा में लखनऊ में NIA/ATS की अदालत में लाया गया।
गौरतलब हो कि अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने बड़े धारदार हथियार से हमला किया था। और जवानों के हथियार छीनने की कोशिश की थी। जांच में सामने आया कि गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के पास सिपाहियों पर हमले के मामले का हमलावर नेपाल भी गया था। एटीएस की जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आईआईटी से पढ़ा हुआ मुर्तजा आतंकवादी संगठनों की विचारधारा से प्रभावित था। उसके पास से जिहादी साहित्य और भड़काने वाले ऑडियो और वीडियो भी मिले थे।
इस मामले में आरोपी मुर्तजा के पिता ने मीडिया को दिए गए अपने बयान में बताया था कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। वो स्टेबल नहीं है और अकेला नहीं रह सकता है। मुर्तजा के पिता ने कहा था कि बचपन से ही वो बीमार था, जिसको वो नहीं समझ पाए, लेकिन 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया। पिता के मुताबिक नौकरी के दौरान भी मुर्तजा 2-2 महीने बिना सूचना के कमरे में ही पड़ा रहता था। वो बिल्कुल स्टेबल नहीं है और उसका इलाज जामनगर अहमदाबाद में चल रहा है।
सजा का ऐलान होने के बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “सभी सबूतों को अदालत के सामने अच्छे से पेश किया गया है। अदालत ने सबूतों को सही माना है। ये दिखाता है कि पुलिस की जांच सही थी। देश के खिलाफ जो साजिश थी उसको यूपी पुलिस ने बेनकाब किया है। लगातार 60 दिन तक रिकॉर्ड सुनवाई हुई, जिसके बाद आज सजा का ऐलान हुआ है। इसमें धारा 121 IPC के तहत फांसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला हुआ था, उसमें उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।