माया-मीरा कभी थी आमने-सामने, अब होंगी साथ
(जावेद अंसारी)
माया-मीरा कभी थीं आमने-सामने,अब होंगी साथ, करीब 32 साल पहले वह दोनों चुनावी मैदान में आमने-सामने थीं। इतने वक्त में सियासत ने काफी करवट ली। अब राष्ट्रपति पद का चुनाव आया है। अब दोनों साथ-साथ हैं। जी हां, यह है मीरा कुमार और मायावती के सियासी अतीत की हकीकत। दोनों दलित वर्ग से आती हैं और मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं तो मायावती चार बार यूपी जैसे राज्य की मुख्यमंत्री।अब मीरा कुमार विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं।
मीरा कुमार को प्रत्याशी बना कर एक तरह से बसपा को भी उस ऊहापोह से निकाला लिया है जो दलित वर्ग के रामनाथ कोवींद के सामने आने से पैदा हुई थी। बसपा ने रामनाथ कोवींद के मुकाबले मीरा कुमार को बेहतर प्रत्याशी माना है। यही कारण है कि अब बसपा मीरा कुमार के साथ है और इस बहाने वह भाजपा के दलितों को लुभाने की मुहिम को रोकने का काम करेगी।
नडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष की बैठक के बाद नीतीश के फैसले पर आरजेडी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। लेकिन लालू के इस बयान के कुछ ही घंटे पर जेडीयू ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने लालू के बयान पर कहा है कि रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला कई बातों पर विचार करने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक फैसले मिनट और सेकेंड में नहीं बदले जाते हैं। इससे पहले लालू ने कहा था कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने की ऐतिहासिक भूल न करें।
यादव ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के चयन के लिए दिल्ली में हुई 17 विपक्षी दलों की बैठक में मीरा कुमार का नाम तय किये जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश कुमार से अपील की कि वह कोविंद को समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। उन्होंने कहा, मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं और शुक्रवार को पटना जाकर भी अपील करूंगा कि वह ऐतिहासिक भूल न करें। उनकी पार्टी से गलत निर्णय हो गया, उसे बदलें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नीतीश कुमार से यह अपील की है।यह पूछे जाने पर कि क्या कुमार के एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने से बिहार सरकार पर खतरा पैदा हो गया है और क्या उन्हें धोखा दिया गया है, यादव ने कहा कि धोखा दिया या नहीं यह नीतीश जानें। सरकार चलती रहेगी। उस पर कोई खतरा नहीं है। अपने फैसले की घोषणा के बावजूद बिहार में महागठबंधन की सरकार को कोई खतरा नहीं है।