लुधौरी में स्वच्छता अभियान को दिखाया जा रहा ठेंगा
- दस दिन से सड़ रहा है नालियों से निकाला गया मलबा , संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका
- विकास कार्यों और सफाई व्यवस्था के बजाय जिम्मेदार आवास लाभार्थियों से वसूली में व्यस्त
फारुख हुसैन
निघासन- खीरी।अगर आपको गंदगी का साम्राज्य देखना हो तो सीधे ग्राम लुधौरी चले आईये।यहाँ की बजबजाती नालियों और सड़कों पर पड़ा नालियों का मलबा देखकर आपको उबकाई जरूर आएगी।लेकिन ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को इससे कोई लेना देना नहीं है।विकास कार्यों और सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने के बजाय यहाँ के जिमनेदारों को सिर्फ अपनी जेबें भरने से मतलब है।चाहे मनरेगा का मामला हो या प्रधानमंत्री आवासों का वह अवैध कमाई का कोई भी मौका हाँथ से जाने नहीं देते।
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ लोगों को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं वहीं ग्राम पंचायत लुधौरी में पूरी तरह इस स्वच्छता अभियान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।पहली बरसात में ही यहाँ की कूड़ा करकट व गंदगी से अटी पड़ी नालियाँ उबरा गयीं।जिम्मेदारों पर उँगलियाँ उठीं और लोगों ने इसकी शिकायत करने का मन बनाया तो उन्होंने अपनी गर्दन बचाने के लिए आनन फानन में नालियों की सफाई तो करवा दी लेकिन नालियों से निकला मलबा सड़क के किनारे ही डाल दिया गया।पूरे दस दिन बीतने को हैं लेकिन आज तक यह मलबा हटवाया नहीं गया है।हालत यह है कि नालियों से निकाला गया आधा मलबा तो पुनः नालियों में जा चुका है।
जबकि बाकी मलबा सड़कों पर पड़ा पड़ा सड़ रहा है।इस उमस भरी गर्मी में अब यह मलबा लोगों के जी का जंजाल बन गया है।लोगों के घरों के सामने पड़ा यह मलबा सड़ने से अब गाँव में संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है।ग्रामीण यहाँ के जिम्मेदारों से मलबा हटवाने की कई बार गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।उन्हें तो सिर्फ अपनी कमाई से मतलब है।जनता की परेशानियों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।पिछले दो साल के दौरान इस ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए गए हैं।परेशान ग्रामीण अब भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे यहाँ के ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी के काले कारनामों का काला चिट्ठा लेकर लोकायुक्त के दरबार में जाने का मूड बना रहे हैं।