झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति मुर्मू से मदद की अपील करते हुए कहा- आदिवासियों के सरना को मिले अलग धर्म का दर्जा
मो0 कुमेल
डेस्क: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की कि वे आदिवासियों के ‘सरना’ को एक विशिष्ट मान्यता प्राप्त धार्मिक श्रेणी के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव के लिए केंद्र की मंजूरी दिलाने में मदद करें। राज्य के आदिवासी समाज में ‘सरना’ के अनुयायी प्रकृति की पूजा करते हैं और लंबे समय से एक अलग धार्मिक पहचान की मांग कर रहे हैं।
उनकी अपील है कि भविष्य की जनगणना के लिए ‘सरना’ को अलग धार्मिक पहचान के तौर पर शामिल किया जाए।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति मुर्मू से संविधान की आठवीं अनुसूची में तीन आदिवासी भाषाओं- हो, मुंडारी और कुदुख को शामिल करने का भी अनुरोध किया।
माननीय राष्ट्रपति महोदया जी के अभिन्दन हेतु मेरे पास शब्द भी कम पड़ रहे हैं। आज ही इन्होंने खूँटी में कहा मैं आती जरुर ओडिशा से हूँ मगर मेरे शरीर में खून झारखण्ड का बहता है। आप आंदाजा लगा सकते हैं इसके आगे झारखण्ड के लोग और क्या कह सकते हैं।
हम लोगों के लिए यह काफी गौरव की बात है… pic.twitter.com/H1xDyeNpZO— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 25, 2023
बताते चले कि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने से पहले झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। झारखंड सरकार इन भाषाओं को पहले ही राज्य में दूसरी भाषा का दर्जा दे चुकी है। सोरेन ने कहा, “अगर केंद्र द्वारा इन मांगों को स्वीकार कर लिया जाता है, तो राज्य के आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा की जा सकेगी।”