बोली कांग्रेस- बीजेपी का नारा है “बेटी डराओ-बृजभूषण बचाओ”
मो0 सलीम
डेस्क: महिला कुश्ती खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर बृज भूषण शरण सिंह को बचाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सारा तंत्र, पुलिस, सरकार के मंत्री और सांसद मिलकर शिकायत करने वाली लड़की के खिलाफ खड़े हो गए हैं और बृज भूषण शरण सिंह को संरक्षण दिया जा रहा है।
एक नाबालिग लड़की बृजभूषण शरण सिंह जैसे बड़े आदमी के खिलाफ POCSO की शिकायत दर्ज करती है, यौन शोषण का आरोप लगाती है।
इसके बाद सारा तंत्र, पुलिस, सरकार के मंत्री और सांसद मिलकर उस लड़की के खिलाफ खड़े हो जाते हैं और बृजभूषण शरण सिंह को संरक्षण दिया जाता है।
आज भारतीय जनता पार्टी का… pic.twitter.com/jhbCxM6V7N
— Congress (@INCIndia) June 15, 2023
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “एक नाबालिग लड़की बृजभूषण शरण सिंह जैसे बड़े आदमी के ख़िलाफ़ पॉक्सो की शिकायत दर्ज करती है, यौन शोषण का आरोप लगाती है।” “इसके बाद सारा तंत्र, पुलिस, सरकार के मंत्री और सांसद मिलकर उस लड़की के खिलाफ खड़े हो जाते हैं और बृज भूषण शरण सिंह को संरक्षण दिया जाता है और उस लड़की को गलत साबित करने पर तुल जाते हैं। इसके बाद उसके पिता के हवाले से वो बयान वापस ले लिया जाता है।”
कांग्रेस ने पूछा है कि “ये देश की जनता को तय करना चाहिए कि क्या ये प्रभाव के तहत किया गया है? क्या सत्ता का दुरुपयोग किया गया है? क्या सारा तंत्र एक आदमी को बचा रहा था? क्योंकि अब एक बात साफ़ है कि भारतीय जनता पार्टी का जो नारा है- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ… वो है बेटी डराओ और बृज भूषण बचाओ। पूरी तरह से ये बात साफ़ तौर पर अंकित हो चुकी है।”
पॉक्सो ऐक्ट की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि जब पॉक्सो अधिनियम के तहत किसी के ख़िलाफ़ आरोप लगता है तो तुरंत कार्रवाई की मांग होती है और वो कार्रवाई होती है- तुरंत हिरासत में लिया जाना। 45 दिनों तक दिल्ली पुलिस बृज भूषण शरण सिंह से पूछताछ नहीं करती है।” कांग्रेस ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, “दिल्ली पुलिस इस मामले में एएफ़आईआर तब करती है जब सुप्रीम कोर्ट आदेश देती है। दिल्ली पुलिस हिरासत में नहीं लेती है, पूछताछ नहीं करती है।”
“एक बाहुबली व्यक्ति है, उसे आज़ाद छोड़ दिया जाता है कि वो जाए और किसी भी गवाह को प्रभावित करे, किसी भी विक्टिम को डराए, कोई पूछताछ नहीं होती है। ये मीडिया में इंटरव्यू देकर मेडल को 15-15 रुपये का बताते हैं, ये मीडिया में इंटरव्यू देकर गुड टच और बैड टच की बातें करते हैं, ये अपनी शक्ति का प्रदर्शन रैलियों में करते हैं लेकिन दिल्ली पुलिस 45 दिनों तक इतने गंभीर आरोपी से पूछताछ नहीं करती है।”