नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलने पर आई कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया, बोले कांग्रेस अध्यक्ष ‘जिनका कोई इतिहास नही, वह दूसरो का इतिहास मिटाने चले है’
ईदुल अमीन/शफी उस्मानी
डेस्क: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने पर कांग्रेस के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कांग्रेस का कहना है कि नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर मोदी सरकार ने अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है।
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं !
Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
इससे केवल BJP-RSS की ओछी…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ‘मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!’ वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ‘नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी इसका मूल नाम है लेकिन अब आप इसे बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कर रहे हैं। यह ठीक है लेकिन फिर भी आप नेहरू मेमोरियल नाम रख सकते थे क्योंकि वह भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक पीएम पद पर रहने वाले हैं। क्यों नहीं हम अतीत को अतीत में रहने दे सकते हैं और जो भी हुआ उसे स्वीकार कर आगे बढ़ सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘चीजों को स्वीकार करने की भावना गायब है। यह सब सारी चीजों को ख़त्म करने के बारे में है।’ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा, ‘पीएम किसी एक दल का नहीं होता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू सिर्फ़ पीएम ही नहीं थे बल्कि नीति-निर्माता थे। वह दुनिया के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। उन्हें कोई नाम बदलने से नहीं रोक रहा है। लेकिन हमारे अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) ने जो कहा है, वह सही है कि ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है। वे किसी को बर्दाश्त नहीं कर सकते।’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। उन्होंने ट्वीट किया, संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों और अभिलेखों का खजाना रहा है।