दरगाह के सामने पट्टे से मारते हुवे वायरल वीडियो को विपक्ष ने बताया ‘पुलिसिया ज़ुल्म’, बोले एसपी जूनागढ़ ‘वीडियो के सत्यता की जाँच एक-दो दिन में हो जाएगी पूरी’

यश कुमार

सूरत: गुजरात के जूनागढ़ ज़िले में एक दरगाह को हटाये जाने को लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर जूनागढ़ से जोड़कर एक वीडियो वायरल हो रहा है। 23 सेकेंड के इस वीडियो में एक दरगाह के सामने सात युवक खड़े हुए हैं।

वीडियो में दो नकाबपोश लोग दरगाह के सामने कतार में खड़े लोगों को पीठ के निचले हिस्से पर बेल्ट से बेरहमी से पीटते दिख रहे हैं। इस वीडियो पर अमन परस्तो ने जहाँ मुखालफत के लफ्ज़ लिखे वही लफ्जों से आग लगाने को बेताब एक भोपू मीडिया जिसके सपने में भी ‘जिहाद’ शब्द आता होगा ने जमकर इस पर ज़हर उगला। भले ही सुप्रीम कोर्ट से हेट स्पीच मामले में सरकारों को जमकर खरी खोटी सुनना पड़ा है, मगर ऐसे लफ्जों से ज़हर उगलने वालो के लिए कुछ नही होता है।

बहरहाल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वायरल वीडियो को ट्वीट कर लिखा कि’ हम पर ही ज़ुल्म होगा हम ही ज़ालिम कहलाएंगे। हम को ही मारा जाएगा और हम पर ही मुक़दमे चलाए जाएंगे। भारत में हिन्दुत्व इंतिहा-पसंदी उरुज पर है, शर्पसंद हिंदुत्ववादियों के शर-पसंदी की कुछ चिंगारी पुलिस विभाग तक पहुंच चुकी है। उसका जीता जागता मिसाल आज की 2 ख़बर की सुर्खियां हैं।’

वही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने वायरल वीडियो के साथ दावा किया कि पीटने वाले लोगों का संबंध गुजरात पुलिस से है। इमरान ने लिखा कि ‘अब गुजरात की पुलिस को अदालतों से कोई लेना देना नहीं है वो सीधे चौराहे पर सज़ा देती है, खुलेआम पीटती है और आरोपी घोषित कर देती है, कोई जॉंच नहीं कोई तफ्तीश नहीं। ये जूनागढ़ का वीडियो है, गुजरात पुलिस क्या यही है संविधान का पालन ??’

दरअसल मामला ये है कि जूनागढ़ के मझेवाड़ी दरवाज़े के पास सड़क किनारे एक दरगाह है। इसे हटाने के लिए दो दिन पहले स्थानीय नगर पालिका ने नोटिस जारी किया था। नोटिस में दरगाह को अवैध निर्माण बताया गया है और दरगाह समिति से पांच दिन के भीतर दरगाह को हटाने के लिए कहा था। जूनागढ़ में इन दिनों कई विकास प्रोजेक्ट चल रहे हैं इसलिए शहर के नरसिंह मेहता सरोवर और उपरकोट क्षेत्र की विकास परियोजनाओं के रास्ते में आ रहे ‘अवैध निर्माणों’ को हटाया जा रहा है।

इसी क्रम में मझेवाड़ी दरगाह को हटाने का नोटिस जारी किया गया था। ये नोटिस सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया और शुक्रवार शाम दरगाह के पास भीड़ इकट्ठा हो गई। इस सम्बन्ध में जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा ने मीडिया को बताया कि ‘14 जून को जूनागढ़ नगर निगम की तरफ़ से दरगाह को नोटिस जारी किया गया था और इसके स्वामित्व का सबूत मांगा गया था। गेबांशाह दरगाह को पांच दिनों के भीतर हटाने का नोटिस दिया गया था। लेकिन शुक्रवार को दरगाह के पास बड़ी तादाद में भीड़ इकट्ठा हो गई।’

पुलिस के मुताबिक भीड़ में कई लोग नारेबाज़ी भी कर रहे थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची थी। एसपी का दावा है कि पुलिस अधिकारी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे और 45 मिनट तक लोगों से बात करने की कोशिश की गई। पुलिस के मुताबिक़, बातचीत के दौरान भीड़ की तरफ से पुलिस के ऊपर पत्थरबाज़ी की गई। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने भीड़ पर कार्रवाई की। पुलिस और लोगों के बीच झड़प के बाद अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

वायरल वीडियो के सम्बन्ध में जूनागढ़ के एसपी रवि तेजा ने मीडिया को बताया है कि ‘हमारी प्राथमिकता कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाना और आरोपियों को गिरफ़्तार करना है। पुलिस फ़िलहाल कानून व्यवस्था पर काम कर रही है। वायरल वीडियो एक या दो दिन में सत्यापित हो जाएगा।’ हिंसा में हुई मौत को लेकर एसपी रवि तेजा का कहना है कि इस घटना में पत्थर लगने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक़ अब हालात नियंत्रण में हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *