बिहार में जातिगत सर्वे के डाटा के प्रकाशन पर कोई रोक नही: सुप्रीम कोर्ट

ईदुल अमीन/शफी उस्मानी

डेस्क: बिहार में जातिगत सर्वे पूरा हो गया है। वही इस मामले में कल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट जातिगत सर्वे के डाटा को अपलोड करने से रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया। बिहार सरकार ने हाल ही में जातिगत सर्वे पूरा किया है।

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस याचिका में दावा किया गया था कि नीतीश कुमार सरकार ने लोगों से उनकी जाति पूछकर उनकी निजता का हनन किया है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, ‘किसी से अगर उसकी जाति या उपजाति पूछी जाती है तो इससे निजता का हनन कैसे होता है। व्यक्तिगत डाटा को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है सिर्फ़ संचित आंकड़े ही अपलोड किए जा रहे हैं।’

No ban on publication of caste survey data in Bihar: Supreme Court

वहीं याचिका दायर करने वाले गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वालिटी के लिए पेश हुए अधिवक्ता सीएस विद्यानाथन ने कहा कि लोगों को उनकी जाति बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने पूछा, ‘आपकी जाति आपके पड़ोसियों को भी पता होती है। सर्वे में जो 17 सवाल पूछे गए हैं उनमें से किससे निजता का उल्लंघन हो रहा है।’

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