वाराणसी: ‘हम तुम’ हुक्का बार संचालक के इशारे पर चेतगंज थाना प्रभारी सच लिखती हमारी कलम और बोलती जुबां पर लगाना चाहते है लगाम खुलेआम, सूत्र बताते है कि हमारे प्रतिनिधि पर झूठी FIR कर हमे नेस्तनाबूत करने की है उनकी तैयारी…!
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: हुक्का बार के खिलाफ हमारी मुहीम का थाना क्षेत्र सिगरा और भेलूपुर थाना क्षेत्र रहा। सिगरा इस्पेक्टर राजू सिंह और भेलूपुर इस्पेक्टर राजेश सिंह हमारी खबरों से नाराज़ नही हुवे बल्कि उन्होंने अपने कर्तव्यो का पालन किया और हमारी खबरों के आधार पर जमकर तलाशी अभियान चलाया। हमारी कोशिशो की सराहना भी किया गया। आवाम ने हमको हौसला और हिम्मत दिया। मगर नाराज़ हमारे खबरों से इस्पेक्टर चेतगंज हो गए।
इस्पेक्टर चेतगंज पहले भेलूपुर थाने पर काफी समय तक थाना प्रभारी रहे है। हमारी खबरों से ‘हम-तुम’ के संरक्षणदाता काफी नाराज़ रहे और कथित ‘रियलिटी चेक’ चला कर हमको ही गलत साबित करने पर जुट गये थे। हमने भी ‘हम तुम’ के खिलाफ अन्य पत्ते खोल दिए। हमारे खबर ‘रियलिटी चेक’ की असली रियलिटी को देख कर ‘हम तुम’ के मालिक राजिश और उनके संरक्षण दाताओं के जलाल का ठिकाना नही रहा। राजिस का बस इस वक्त नही चल रहा है कि वह हमारी हत्या करवा दे। हमारे मजबूत सूत्र बताते है कि हमारी खबर प्रसारित होने के बाद ‘हम तुम’ के संरक्षणदाताओं के साथ आज राजिश खुद चेतगंज थाने आता है।
सूत्र बताते है कि हमको कमज़ोर करने के लिए, हमारे ऊपर दबाव डालने के लिए, हमको नेस्तनाबूत करने का मंसूबा रखे ये बाहुबली आकर सीधे इस्पेक्टर चेतगंज वेद प्रकाश राय से मिलता है। हमारे प्रतिनिधि ए0 जावेद के खिलाफ एक झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाता हुआ शिकायती प्रार्थना पत्र थमा दिया। सच का गला घोटने के लिए तैयार चेतगंज पुलिस ने तत्काल इस फर्जी शिकायती प्रार्थना पत्र पर एक्शन मोड़ ले लिए। तत्काल उसकी कथित जाँच हेतु पान दरीबा चौकी इंचार्ज को वह शिकायती प्रार्थना पत्र देकर शाम को खुद मामले की जांच करने के लिए इस्पेक्टर चेतगंज ने कहा और शाम होते ही पानदरीबा चौकी पहुच गए।
इस्पेटर चेतगंज के सम्बन्ध में रजिस के करीबी बताते है कि भेलूपुर पोस्टिंग के दरमियान इस्पेक्टर चेतगंज वेद प्रकाश राय और राजिस के बहुत घनिष्ठ सम्बन्ध होने का दावा राजिस करता है। हो भी सकता है कि हम तुम के बाहुबली मालिक राजिस के ऐसे सम्बन्ध घनिष्ट हो। तभी तो इस्पेक्टर चेतगंज शाम होते ही पानदरीबा चौकी पहुच जाते है। चौकी इंचार्ज को हमारे प्रतिनिधि ए0 जावेद की गाडी दिखा कर सख्त हिदायत देते है कि ये गाडी यहाँ अब खडी न हो। सवाल एक है कि हमारे ऊपर दबाव डालने के लिए थाना प्रभारी साहब हमारे प्रतिनिधि को माध्यम बना रहे है। जिस जगह ए जावेद की कार खडी होती है, गाडियों की पार्किग रहती है। किसी की गाडी पर आपत्ति नही मगर हमारे प्रतिनिधि की गाडी पर आपत्ति है।
क्या राजिश के इशारों पर सब कर रहे इस्पेक्टर चेतगंज ?
इस्पेक्टर चेतगंज वेद प्रकाश राय ने मुझे और ए0 जावेद को चेतगंज थाने के डिजिटल वालंटियर ग्रुप से निकाल दिया। विभागीय सूत्र बताते है कि ‘हम तुम’ हुक्का बार संचालक राजिश के कहने पर इस्पेक्टर चेतगंज ने ऐसा किया। किस कथित कमेन्ट पर चेतगंज इस्पेक्टर ने हमारी कलम को तोड़ने का मंसूबा बना रखा है, सच का गला घोटने का मंसूबा बना रखा है। उस पोस्ट में तो कथित शिकायतकर्ता का नाम ही नही है। सिम्पल जावेद ने लिखा था कि ‘जाने दे भाई कुछ दलालों को कमाने दे, उनकी रोज़ी रोटी बंद न करवाए। हुक्का बार बंद हो गया तो उनकी रोज़ी रोटी छीन जायेगी।’ ये शब्द दलालों के लिए है। फिर इसके शिकायतकर्ता क्या ये मानते है कि ‘वह दलाल खुद है।’
क्यों है इस्पेक्टर चेतगंज हमसे नाराज़ ?
दरअसल इस्पेक्टर चेतगंज को हमसे काफी नाराजगी होगी ही। चेतगंज में एक अपराधिक घटना हुई। घर में घुस कर मारपीट के साथ गोलियां चली। चेतगंज पुलिस ने इस मामले को काफी दबाने का प्रयास किया मगर हमारी खबर के प्रकाशन पर उन्हें कार्यवाही करना पड़ा और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी गिरफ़्तारी करना पड़ा था। यही नहीं चेतगंज थाना क्षेत्र में हर वक्त बिकने वाली शराब के खिलाफ हमने मुहीम चलाया और इस्पेक्टर चेतगंज को उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन करना पड़ा तथा शराब के ठेकों और दुकानों तथा बीयर के दुकानों को समय के लिए पाबंद करना पड़ा।
अब जब इस प्रकार से उनके क्षेत्र में अनैतिक कार्य हो रहे है और हम खबर के माध्यम से उसको जग ज़ाहिर कर दे रहे है तो नुक्सान किसका हुआ ये समझा जा सकता है। आप इस्पेक्टर चेतगंज की नाराजगी इसी से समझ सकते है कि टोटो ऑटो खडा हो। कोई भी गाडी खडी हो। भले ही वहा अड़ीबाज़ी होती रहे। मगर बस PNN24 न्यूज़ का स्टीकर लगी हुई गाडी न खडी हो। दरअसल दो बाते हो सकती है, या तो इस्पेक्टर चेतगंज हमारे नाम में मज़हब की तलाश करके हमको दबाना और कुचलना चाहते है। या फिर उनको हुक्का बार वालो से बड़ी हमदर्दी है।
तो इस्पेक्टर साहब, हमारा गला घोट दीजिये, झूठे मुक़दमे में हमको जेल भेज दीजिये, आप हाकिम है साहब हमारे कत्ल होने के बाद हमारे कत्ल का इलज़ाम हमी पर रख दे। हमारा ‘शूट आउट at लोखंडवाला’ कर दे साहब। मगर कहा हमारे प्रतिनिधि को परेशान कर रहे है। मुझे सूली चढ़ा दे, सारा झन्झट एक बार में खत्म हो जायेगा। काफी लोग खुश होंगे, बेशक सच के चाहने वाले आंसू बहाएगे, मगर आपके आगे वह कुछ बोल नही पायेगे। हम मरने को तैयार है वेद प्रकाश जी, बस हमारे बच्चो की तरह हमारे प्रतिनिधियों को कुछ न करे हुजुर….!