राष्ट्रपति चुनाव : क्या रामनाथ कोवींद के खिलाफ मिरा कुमार होंगी विपक्ष की उम्मीदवार

(जावेद अंसारी)
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बुधवार शाम को मुलाकात की है। इसके बाद ऐसी अटकलें तेज हो गईं हैं कि शायद यूपीए ने अपना राष्ट्रपति प्रत्याशी तय कर लिया है।बीजेपी के दलित कार्ड के जवाब में मीरा कुमार यूपीए की दलित‍ महिला कार्ड हो सकती हैं।हालांकि इसके बारे में अंतिम निर्णय गुरुवार को होने वाली विपक्ष की बैठक में ही लिया जाएगा।

गौरतलब है कि बीजेपी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में दलित नेता और बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम सामने लाकर सबको चौंका दिया था। मोदी के इस ट्रंप कार्ड से विपक्ष अभी से धराशायी सा लग रहा है।अगर मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया जाता है तो वाकई मुकाबला कुछ दिलचस्प हो जाएगा। कोविंद कम बोलने वाले शालीन चेहरे हैं। विवादों से नाता न के बराबर रहा है। कोरी जाति के दलित हैं और उत्तर प्रदेश के कानपुर से आते हैं। कोविंद का नाम इसीलिए विपक्ष को एक झटका है।एनडीए के कुछ घटक, जो किसी अन्य नाम पर नखरे दिखा सकते हैं, शांति से कोविंद के नाम को स्वीकार कर लेंगे।इससे विपक्ष के लिए असमंजस की स्थति आ गई है। नीतीश सहित कई नेताओं के लिए कोविंद का विरोध आसान नहीं होगा।

एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार राम नाथ कोविंद को समर्थन देने के जेडीयू के फैसला पर लालू यादव की पहली प्रतिक्रिया आई है। लालू यादन ने एबीपी न्यूज से कहा है कि नीतीश ने क्या फैसला लिया है ये उन्हें नहीं मालूम, लेकिन वो कल कांग्रेस की तरफ से बुलाई गई बैठक में जो फैसला होगा उसे ही मानेंगे।कांग्रेस कई बड़े दलों के साथ कल राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने को विपक्षी दलों के साथ एक बड़ी बैठक करने वाली है।इसी बैठक से पहले आज नीतीश कुमार ने कांग्रेस को बड़ा झटा दिया।नीतीश कुमार ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन का एलान किया है। अब तक ये कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कांग्रेस के फैसले के साथ जा सकते हैं, लेकिन ये कयास पूरी तरह ग़लत साबित हुए।नीतीश के फैसले के बाद यह स्थिति लालू यादव के लिए दुविधाजन मानी जा रही थी कि आखिर वो अपने सरकार के पार्टनर के फैसले के विरोध में क्यों जाएं। अगर वो जाते हैं तो इस सुगबुगाहट को कौन रोकेगा कि लालू-नीतीश में सब कुछ सामान्य नहीं है और क्या नीतीश मोदी के करीब जा रहे हैं। अब लालू यादव ने अपने एक बयान से साफ कर दिया है कि नीतीश कुछ भी कहें वो वही करेंगे जो कल होने वाली विपक्ष की बैठक में तय होगा।
दोनों हैं पढ़े-लिखे और योग्य
एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं।लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है।मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं।असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठ‍ित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं।
बीजेपी के अंदरखाने इस बात की भी चर्चा है कि जिस दिन बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान कोविंद का नाम घोषित किया गया था, उसी दिन अमित शाह ने कोविंद को फोन कर इशारा कर दिया था कि वह नीतीश कुमार को उनके समर्थन के लिए संदेश भिजवाएं। जिसके बाद अरुण जेटली (राष्‍ट्रपति चुनावों के लिए सर्वसम्‍मति हासिल करने हेतु बनी तीन-सदस्‍यीय कमेटी के सदस्‍य) ने नीतीश कुमार से बात की। उसी के बात बीजेपी का शीर्ष नेतृत्‍व यह मान रहा था कि नीतीश साथ आ गए हैं, और बुधवार को उन्‍होंने पुष्टि भी कर दी।अगर लालू कोई दांव चलते हैं तो बीजेपी का समर्थन नीतीश के काम आ सकता है। बिहार में बीजेपी-जेडीयू के साथ आने की चर्चा इन दिनों बीजेपी के राष्‍ट्रीय मुख्‍यालय में जोर-शोर से चल रही है।गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 17 जुलाई को मतदान होना है। नतीजा 20 जुलाई को घोषित होगा। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो जा रहा है।

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