शरद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चन्द्रग्रहण, जाने समय और सूतक काल
शाहीन बनारसी
डेस्क: साल 2023 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब आज यानी 28 अक्टूबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वही साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले यानी 14 अक्टूबर को लगा था। आखिरी सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद आज शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।
शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा।
बताते चले साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण दुनिया भर के कई हिस्सों में देखा गया, लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस बार साल के दूसरे चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 06 मिनट से शुरू हो जाएगा।
साल के अंतिम चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। इस बार नौ साल के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे।
बताते चले साल दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण आज 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगने जा रहा है। इसकी शुरुआत रात 1 बजकर 5 मिनट पर होगी इसलिए इसका सूतक काल 9 घंटे पहले यानी आज शाम 04 बजकर 05 मिनट से शुरू हो जाएगा। यह एक खंडग्राह चंद्र ग्रहण होगा। दरअसल जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ भाग पर पड़ती है तो इसे खंडग्रास यानि आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। PNN24 इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है।