गज़ा पर UN में हुवे मतदान पर भारत की अनुपस्थिति पर केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रियंका ने कहा ‘मैं हैरान और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने ग़ज़ा में युद्ध विराम के लिए हुए मतदान में हिस्सा लेने से मना कर दिया’
शफी उस्मानी
डेस्क: ग़ज़ा में इसराइली बमबारी के बीच मानवीय मदद के लिए यूएन में शनिवार को हुई वोटिंग में जिसमें भारत अनुपस्थित रहा को लेकर अब विपक्षी पार्टियाँ केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है और जमकर आलोचना कर रही है। जिसमे असदुद्दीन ओवैसी ने आलोचना करते हुवे इसको अमानवीय करार दिया था। अब इसे लेकर प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महात्मा गांधी के शब्दों को लिखते हुए कहा, ‘आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है।’
उन्होंने लिखा, ‘मैं हैरान और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने ग़ज़ा में युद्ध विराम के लिए हुए मतदान में हिस्सा लेने से मना कर दिया। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, जिन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं।’
“An eye for an eye makes the whole world blind” ~ Mahatma Gandhi
I am shocked and ashamed that our country has abstained from voting for a ceasefire in Gaza.
Our country was founded on the principles of non-violence and truth, principles for which our freedom fighters laid down…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 28, 2023
उन्होंने लिखा कि जब लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, मेडिकल, संचार, आपूर्ति और बिजली काट दी गई है और जब फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मारा जा रहा है, ऐसे समय में स्टैंड लेने से इनकार करना और इसे चुपचाप होते हुए देखना गलत है। यह उसके विपरीत है, जिसके लिए एक देश के रूप में भारत ने हमेशा से लड़ाई लड़ी है।
बताते चले कि पश्चिम एशिया की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात विशेष सत्र में भारी बहुमत से पास किए गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘बिगड़ती तनाव की स्थिति, अकथनीय हिंसा, कष्टदायक पीड़ा अब समाप्त होनी चाहिए।’ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ज़ोर देकर कहा कि ‘और अधिक रक्तपात अब बंद होना चाहिए।’ इस प्रस्ताव के समर्थन में 120 देशों ने वोट किया, जबकि इसराइल, अमेरिका समेत 14 देशों ने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया। जो 45 देश इस वोटिंग से अनुपस्थित रहे उनमें भारत भी शामिल था।