पीआरसीएस ने कहा ‘इसराइल ने अल-क़ुद्स अस्पताल के आईसीयु में किया गोलीबारी, बोले अल-शिफा अस्पताल के निदेशक ‘ये इसराइल का सरासर झूठ है कि हमास का कमांड सेंटर अस्पताल के नीचे है’
ईदुल अमीन
डेस्क: इसराइल-हमास जंग के बीच इसराइली सेना द्वारा अस्पतालों और शरणार्थी कैम्प सहित स्कूलो पर भी बमबारी किया जा रहा है। इस क्रम में इसराइली सेना ने अपनी सफाई में कहा है कि अल-शिफा अस्पताल के नीचे हमास का कमांड सेंटर है। जिसका खंडन अल-शिफा अस्पताल के निदेशक ने करते हुवे कहा है कि ‘ये इसराइल का सरासर झूठ है।’ वही अल कुद्स अस्पताल के सम्बन्ध में फलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) ने कहा है कि इसराइली सेना ने अस्पताल के आईसीयु में गोलीबारी किया है।
पीआरसीएस का कहना है कि इज़राइल ने अल-कुद्स अस्पताल के आईसीयू में ‘गोलीबारी’ की फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) का कहना है कि इजरायली बलों ने गाजा के अल-कुद्स अस्पताल में गहन देखभाल इकाई पर गोलीबारी की है। इससे पहले, पीआरसीएस ने कहा था कि अस्पताल में इजरायली स्नाइपर्स की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
अल-शिफ़ा निदेशक: ‘सरासर झूठ’ कि हमास का कमांड सेंटर अस्पताल के नीचे है।’ मुहम्मद अबू सल्मिया के बयानों को आधार बनाते हुवे अल जज़ीरा ने लिखा है कि उसने उनसे बात की और इजरायल के दावे का जवाब दिया कि यह ‘इसराइल का सरासर झूठ है कि अल शिफा अस्पताल के नीचे हमास का कमांड सेंटर है। बताते चले कि गाजा शहर का सबसे बड़ा अस्पताल अल-शिफा है। इसराइल का दावा है कि हमास कमांड सेंटर के लिए यह अस्पताल कवर प्रदान कर रहा है। अबू सल्मिया ने कहा है कि ‘यह झूठ है, ये सरासर झूठ है। यह एक नागरिक अस्पताल है। हम 1.5 मिलियन से अधिक गज़ावासियों को सेवा प्रदान करते हैं। ‘इज़राइली कब्ज़ा करने वाली सेना पूरी तरह से जानती है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित क्षेत्र है। वे निश्चित हैं कि इन अस्पतालों के नीचे कोई कमांड सेंटर या कोई सुरंग नहीं है।‘
उन्होंने कहा, ‘यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारी, संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी, अंतरराष्ट्रीय संगठन के कर्मचारी अस्पताल में और उसके आसपास रहे हैं, वे जानते हैं कि यह पीड़ितों और मरीजों की देखभाल करने वाला एक पूरी तरह से नागरिक अस्पताल है। दो सप्ताह से अधिक समय पहले हमने दुनिया भर के मीडिया के प्रतिनिधियों को अस्पताल के अंदर और आसपास के दौरे पर ले जाया था ताकि यह साबित किया जा सके कि इजरायली केवल झूठ, झूठे आधारहीन आरोपों का प्रचार कर रहे हैं।‘