मणिपुर हिंसा: दो गुटों में हुई गोलीबारी में 13 लोगो की मौत
फारुख हुसैन
डेस्क: मणिपुर के टेंग्नौपाल ज़िले में सोमवार दोपहर को हुई ताज़ा हिंसा में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। सुरक्षा बलों ने सैबोल के नजदीक लेतिथू गांव के पास दो मिलिटेंट समूहों के बीच गोलीबारी को लेकर सूचना दी है। टेंग्नौपाल ज़िले के एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को अपने बयान में बताया है कि ज़िले के सैबोल के पास लीथु गांव में चरमपंथियों के दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना सोमवार की है। पुलिस को 13 लोगों के शव मिले हैं। फ़िलहाल इस गोलीबारी की घटना की जांच की जा रही है, लिहाजा इससे अधिक जानकारी अभी नहीं दी जा सकती। दरअसल, जिस जगह यह हिंसा हुई है वहां से लगभग 10 किलो मीटर दूर सुरक्षाबल तैनात थे। असम राइफ़ल्स ने गोलीबारी की घटना की सूचना मिलने के बाद मणिपुर के टेंग्नौपाल में एक ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन के बाद इलाक़े से 13 शव बरामद किए गए। पुलिस ने अभी तक मरने वालों की शिनाख्त को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
पुलिस का कहना है कि मृतक लीथु क्षेत्र से नहीं हैं और हो सकता है कि वे किसी अन्य स्थान से आए हों, जिसके बाद वे एक अलग समूह के साथ गोलीबारी में शामिल हो गए। बताते चले कि मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि क़रीब 60 हज़ार लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। इस बीच मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने बुधवार, 29 नवंबर को केंद्र सरकार और मणिपुर राज्य सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
यूएनएलएफ समझौते की घोषणा के चार दिन बाद, पूर्वोत्तर राज्य के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर मणिपुर में इंटरनेट शटडाउन हटा लिया गया है। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सात महीने पहले बंद कर दी गई थीं और सितंबर में थोड़े समय के लिए बहाल की गईं। 1 दिसंबर को, लाइव लॉ के मुताबिक, मणिपुर हाई कोर्ट ने कहा था कि, ‘राज्य में इंटरनेट शटडाउन “जारी नहीं रह सकता” क्योंकि यह “न्याय को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।’