लखीमपुर खीरी: क्या दुधवा में पांच प्रजातियों के हिरन की संख्या में आई है गिरावट ? बोले दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ‘नही, ऐसा नही है, हिरन अकेले में विचरण करते है और अधिकतर जंगल के अन्दर रहते है

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के इंडो नेपाल सीमा पर मौजूद दुधवा टाइगर रिजर्व हिरण की पांच प्रजातियों के लिए अपनी पहचान रखने वाला एकमात्र टाइगर रिजर्व है। भारत में कुल आठ प्रकार की हिरण की प्रजातियां पाई जाती हैं. जिनमें दुधवा में ही पांच प्रकार की प्रजाति पाई जाती है जिनमें बारहसिंघा, सांभर, चीतल, पाढ़ा, काकड़ की प्रजाति शामिल हैं। जिनको देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक दुधवा पहुंचते हैं और यही नहीं विशेषज्ञ भी दुधवा पहुंचकर उनकी विशेषताओं की जानकारी जमा करते हैं।

लेकिन इधर हाल ही में देखा गया है कि दुधवा के जंगलों में खुले में विचरण करने वाले हिरणों की संख्या में काफी गिरावट पाई गई है. जहां पहले दुधवा पहुंचने पर पार्क सहित अन्य मार्गों पर काफी संख्या में हिरन का झुंड दिखाई देता था, अब किन्ही कारण वश इनकी संख्या में कमी देखी जा रही है। जिसके करण वन्य जीव प्रेमियों में काफी उदासी देखने को मिल रही है।

हालांकि दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित कुमार वर्मा ने बताया है कि ऐसा कुछ नहीं है हिरण की संख्या में अभी कमी नहीं आई है, वजह है कि यह वन्य जीव अकेले रहना खास पसंद करते हैं जिसकी वजह से यह अब जंगलों के भीतर ही विचरण करते हैं. जिसके कारण बाहर इनको देखने का सौभाग्य पर्यटकों को नहीं मिल पाता है. फिलहाल उनकी सुरक्षा को लेकर भी पार्क प्रशासन ने खास प्रबंध किए हैं।

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