कौन है हमास का समर्थक सशस्त्र संगठन हुती और लाल सागर में मालवाहक जहाजों को निशाना बना कर आखिर क्या साबित करना चाहते है?

तारिक आज़मी

डेस्क: हमास के हमले के बाद सात अक्टूबर को ग़ज़ा पर इसराइल के जवाबी हमलों की शुरुआत के बाद से ही सशस्त्र संगठन हूती ने इसराइल की ओर कई मिसाइल और ड्रोन छोड़े हैं। नवंबर में हूती ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज़ को हाइजैक कर लिया था। इस जहाज़ के मालिक का संबंध इसराइल से हो सकता है। पिछले दो महीनों में हूती ने यहां रॉकेट और ड्रोन से कई व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है। यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती ने लाल सागर से होकर इसराइल जाने वाले सभी जहाज़ों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है।

इस दरमियान अमेरिका का कहना है कि लाल सागर में मौजूद उसके युद्धपोतों ने इनमें से कुछ मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराया था, जबकि कुछ लाल सागर में मिस्र की समुद्री सीमा में गिर गए। नवंबर 2023 में हूती ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने क़ब्ज़े में ले लिया था। उनका कहना था कि ये इसराइल का है। वे इसे यमन के तट पर एक जगह ले गए थे। इसराइल का कहना है कि न तो ये जहाज़ इसराइल का था और न ही इसके क्रू का कोई सदस्य इसराइली था। लेकिन अपुष्ट रिपोर्टें बताती हैं कि इस जहाज़ का मालिक एक इसराइली नागरिक हो सकता है।

देखे वीडियो

https://www.youtube.com/watch?v=un40SKMb_fQ&t=29s

https://youtu.be/un40SKMb_fQ?si=hyst8X1SVXCHLk1U

तीन दिसंबर के बाद से हूती ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है। इसके लिए उन्होंने यमन के तट पर अपने नियंत्रण वाले इलाक़े से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज़ इनकी चपेट में आ गए। दुनिया की सबसे बड़ी मालवाहक कंपनी, मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी, ने कहा है कि वह अपने जहाज़ों को लाल सागर से हटा रही है। फ्रांसीसी कंपनियों सीएमए सीडीएम, डेनमार्क की कंपनी मेर्स्क, जर्मन कंपनी हैपेग-लॉयड और तेल कंपनी बीपी ने भी ऐसा ही फ़ैसला लिया है।

मध्य पूर्व में अमेरिका की सैन्य गतिविधियों की देख रेख करने वाले सेंटकॉम ने कहा है, ‘ये हमले भले ही यमन से हूती ने किए हों, लेकिन ये पूरी तरह ईरान ने करवाए हैं।’ अमेरिका ने एक नौसैनिक टास्कफ़ोर्स बनाने का प्रस्ताव रखा है ताकि व्यापारिक जहाजों को हूती विद्रोहियों से हमलों से बचाया जा सके। अप्रैल 2022 में अब्दरब्बुह मंसूर हादी ने प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल को अपनी शक्तियां सौंपी थीं। ये काउंसिल सऊदी अरब की राजधानी रियाद से काम करती है। उसे ही यमन की आधिकारिक सरकार माना जाता है।

हालांकि, यमन की ज़्यादा आबादी हूती के नियंत्रण में रहती है। उनका संगठन देश के उत्तरी हिस्से में टैक्स वसूलता है और अपनी मुद्रा भी छापता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती आंदोलन के विशेषज्ञ, अहमद अल-बाहरी के हवाले से कहा था कि 2010 तक हूती के पास 1,00,000 से 1,20,000 तक समर्थक थे। इनमें हथियारबंद लड़ाके और बिना हथियारों वाले समर्थक शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र यह भी कहता है कि हूती ने बच्चों को भी भर्ती किया था, जिनमें से 1500 की साल 2020 में हुई लड़ाई में मौत हो गई थी और अगले साल कुछ सौ और बच्चे मारे गए थे।

हूती लाल सागर के एक बड़ी तटीय इलाक़े पर नियंत्रण रखते हैं। यहीं से वे जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं। यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस के एक विशेषज्ञ हिशाम अल-ओमेसी कहते हैं कि इन हमलों से उन्हें सऊदी अरब के साथ जारी शांति वार्ता में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिली है। वह कहते हैं, ‘ये दिखाकर कि वे बाब अल-मंदब यानी कि लाल सागर के पतले से समुद्री रास्ते को बंद कर सकते हैं, उन्होंने सऊदी अरब पर रियायतें देने का दबाव बढ़ा दिया है।’

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