चिरंजीवी बीमा योजना द्वारा निजी चिकित्सालयों द्वारा इलाज बंद करने की खबरों पर बोले अशोक गहलोत ‘जनता में अब निराशा व्याप्त होने लगी है’
आदिल अहमद
डेस्क: राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना विधानसभा चुनावों के पहले से लेकर अब तक चर्चा में है। इस योजना के तहत राजस्थान के प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपये तक का कैशलेस बीमा दिया जाता है। चुनावों में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो ये सवाल पूछा जा रहा था कि क्या बीजेपी सरकार इस योजना को जारी रखेगी? अब मिल रही जानकारी के अनुसार निजी अस्पतालों ने कैशलेस इस बीमा पर इलाज करने से इंकार कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘जनता में अब निराशा व्याप्त होने लगी है, क्योंकि राजस्थान की जनता ने तीन दिसंबर को बीजेपी को स्पष्ट जनादेश दिया, पर 22 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है, जिससे शासन संचालन में ठहराव की स्थिति आ गई है। हर विभाग असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाए। जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का गठन होना चाहिए, जिससे सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।’
चिरंजीवी योजना का ज़िक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘मीडिया के माध्यम से ये भी जानकारी में आया है कि चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों द्वारा इलाज नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सरकार को हमारी सरकार की योजनाओं को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे जनता को परेशानी ना हो। कोई नई व्यवस्था लागू होने तक पूर्ववत व्यवस्था चालू रखनी चाहिए।’
बताते चले कि बीते कुछ दिनों से मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा जा रहा है कि कई निजी अस्पताल में इस योजना के तहत इलाज नहीं किया जा रहा है। निजी अस्पतालों का कहना है कि सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। अब सोमवार सुबह राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मांग की है कि मौजूदा सरकार हमारी योजनाओं को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
इस बीच चर्चा है कि नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार अब इस योजना का नाम बदल कर ‘आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ कर सकती है। जयपुर में राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ0 अचल शर्मा ने मीडिया से कहा था, ‘बीते दिनों के मुकाबले अब मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण क्या हैं, कहा नहीं जा सकता।’