इसराइल-हमास युद्ध: यूएन ने रिपोर्ट जारी कर इसराइल पर गज़ा में मानवाधिकार उलंघन का लगाया गम्भीर आरोप
ईदुल अमीन
डेस्क: संयुक्त राष्ट्र ने वेस्ट बैंक में बड़े पैमाने पर छापे की कार्रवाई, गिरफ़्तारियां, हत्याओं और मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने इसराइल से वेस्ट बैंक में फ़लस्तीनी नागरिकों की ‘ग़ैरक़ानूनी हत्याओं’ को रोकने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रविवार को इसराइली सेना ने मग़ाज़ी कैंप समेत सेंट्रल ग़ज़ा में 50 जगहों पर बमबारी की थी। मग़ाज़ी कैंप में दो रिहाईशी इमारतों पर बम गिरे थे, जिनमें सर्वाधिक लोग मारे गए।
यूएन के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा कि इसराइल द्वारा सैन्य रणनीति, बेहिसाब ताक़त के इस्तेमाल और लोगों के आवागमन पर पाबंदी लगाए जाने से वो काफ़ी दुखी हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में इसराइल पर कई आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि- बड़ी संख्या में लोगों की मनमाना गिरफ़्तारियां, हिरासत और टॉर्चर और इसराइली सेना द्वारा बुरा बर्ताव, सामूहिक सज़ा की चिंता को बढ़ाता है। इसराइली बस्तियों के हथियारबंद बाशिंदों की ओर से हो रहे हमलों में उछाल के कारण फ़लस्तीन के चरवाहा समुदाय का बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है। आवागमन को लेकर जारी भेदभावपूर्ण प्रतिबंध से लोगों की रोज़ाना की ज़िंदगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
रिपोर्ट जारी करते हुए टर्क ने कहा कि इसके नतीजे बहुत विचलित करने वाले हैं और संघर्षों में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले नए नहीं हैं लेकिन ‘जिस स्तर की हिंसा और दमन का सहारा लिया जा रहा है, वो बीते कुछ सालों में देखने को नहीं मिली है।’ इसके पहले क्रिसमस की पूर्व संध्या पर 24 दिसम्बर को मग़ाज़ी शरणार्थी कैंप को निशाना बनाकर की गई बमबारी को लेकर इसराइली सेना के अधिकारी ने माना है कि ग़लत हथियार के चुनाव के कारण नागरिकों को अत्यधिक नुकसान हुआ।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, बीते रविवार को हुई इस इसराइली बमबारी में कम से कम 86 लोग मारे गए हैं और हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है। सरकारी प्रसारक कान न्यूज़ से एक इसराइली सैन्य अधिकारी ने कहा कि जो हमला किया गया था उसके लिए ग़लत हथियार का चुनाव किया गया था जिससे नागरिक नुकसान ज़्यादा हुआ, जिससे बचा जा सकता था। इस घटना को लेकर मीडिया से इसराइली सेना ने ‘अफ़सोस’ जताया था।