बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम भाजपा नेता सुशील मोदी हारे कैसर से अपनी जंग, 72 वर्ष की आयु में हुआ निधन
शफी उस्मानी
डेस्क: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। वह 72 साल के थे और पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर पोस्ट करके उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
लोकसभा चुनाव का एलान होने के बाद सुशील मोदी ने एक्स पर लिखा था, ‘मैं पिछले छह महीने से कैंसर से जंग लड़ रहा हूं। अब मुझे लगता है कि लोगों को इस बारे में बता देना चाहिए। मैं लोकसभा चुनाव में ज़्यादा कुछ नहीं कर पाऊंगा।’ सुशील कुमार मोदी की छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई। वो उस वक्त पटना विश्वविद्यालय संघ की 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित हुए। 1973 में वो महामंत्री चुने गए।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।
ॐ शांति शांति pic.twitter.com/IEyMeH2Htt— Samrat Choudhary (Modi Ka Parivar) (@samrat4bjp) May 13, 2024
लेकिन जेपी आंदोलन के प्रभाव में आने के बाद उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएशन में पटना विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। आपातकाल में वे 19 महीने जेल में रहे। 1977 से 1986 तक वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 1990 में सुशील कुमार मोदी ने पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। 1995 और 2000 का भी चुनाव वो इसी सीट से जीते। साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते।
साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया और विधान परिषद के लिए चुने गए। इस दौरान वो पार्टी में भी अलग-अलग दायित्व संभालते रहे। सुशील कुमार मोदी साल 1996 में चारा घोटाले में पटना हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर करने वालों में से एक थे। साल 2015 में जेडीयू आरजेडी की सरकार बनने के बाद, सुशील मोदी के निशाने पर फिर से लालू परिवार आया।
उन्होंने 4 अप्रैल 2017 से लालू परिवार की बेनामी संपत्ति को लेकर लगातार 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नतीजा ये हुआ कि 26 जुलाई 2017 को सरकार गिर गई। नई सरकार 27 जुलाई को बनी जिसमें सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने।