रेप जैसे झूठे आरोप किसी पर लगाना था उसके लिए बाए हाथ का खेल, 8 साल में 14 अपराधिक मामले दर्ज करवाने वाली भावना शर्मा आखिर चढ़ी पुलिस के हत्थे

तारिक़ आज़मी

डेस्क: महिला सुरक्षा को लेकर बने सख्त कानूनों का दुरूपयोग करने वालो की कमी इस देश में नही है। अमूमन रेप जैसा संगीन इल्जाम अगर कोई लड़की किसी पर भी लगाती है तो कानून हर मुमकिन कोशिश में लड़की का ही साथ देता है, उसके साथ ही सभी की सहानुभूति होती है। मगर इस दुनिया में कई ऐसे भी लोग है जो महिला होने का नाजायज़ फायदा उठाती है।

ऐसा ही एक मामला जयपुर में सामने आया है जहा महज़ 8 साल में 14 अपराधिक मुक़दमे दर्ज करवाने वाली भावना शर्मा को पुलिस ने झूठा रेप केस कर वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है।  बताया जाता है कि एक वकील ने जिला अदालत में एक मुकदमा दर्ज करवाया है जिसमें उसने एक लड़की पर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर रुपये ऐंठने का संगीन इल्जाम लगाया। जिसमे दावा किया गया कि जिस महिला ने वकील के खिलाफ भी अलग अलग थानों में दुष्कर्म के केस दर्ज करवाए उसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसका नाम है भावना शर्मा। भावना शर्मा पर आरोप है कि वह दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के 14 अलग-अलग केस दर्ज करवा चुकी है।

सामने आई खबर के मुताबिक पुलिस ने बताया कि 8 मई को एडवोकेट नितिन मीना ने सदर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। दर्ज शिकायत के मुताबिक भावना शर्मा नाम की आरोपित महिला ने वकील के साथ दोस्ती बढ़ाकर शादी का दबाव डाला, फिर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर पैसे की मांग की और कहा कि इससे पहले भी उसने कई लोगों पर ऐसे मुकदमें कराए हैं। नितिन मीना पर ज्योति नगर थाने में भी भावना शर्मा ने दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज करवा रखा है।

वकील की शिकायत के बाद एक्शन में आई पुलिस ने भावना शर्मा को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने भावना शर्मा को रिमांड पर पुलिस के हवाले कर दिया है। अब तक जांच में यह बात सामने आई है कि भावना शर्मा ने साल 2016 से लेकर 2024 तक यानी करीब आठ साल के दौरान 14 मुकदमे दर्ज करवाए है। आरोपित महिला पर गुरुग्राम में कोर्ट दुष्कर्म के झूठे केस में कार्रवाई के लिए लिख चुकी है। महिला की तरफ से दर्ज करवाए गए मामलों में पुलिस अपनी फाइनल रिपोर्ट भी दाखिल कर चुकी है।

स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट फॉर क्राइम्स अगेस्ट वूमेन एडीशनल डीसीपी गुरु शरण राव ने जांच में भावना शर्मा को दोषी माना है। पैसों के लेनदेन के ऑनलाइन और कई सबूत भी हासिल किए हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब आईपीसी की धारा 388 यानी मौत या आजीवन कारावास आदि से दंडनीय अपराध का आरोप लगाने की धमकी देकर जबरन वसूली और 504 यानी  जिस मामले में किसी व्यक्ति पर IPC 504 लगाई जाती है उसे पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकता है और गिरफ्तारी के लिए न्यायालय की अनुमति लेनी होती है, ये धाराएं लगाकर मुकदमा दर्ज किया है।

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