आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइज़र’ ने अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को भाजपा और शिवसेना सरकार में शामिल करने पर उठाया सवाल 

आदिल अहमद

डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के मुखपत्र ऑर्गनाइज़र ने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को बीजेपी और शिवसेना सरकार में शामिल किए जाने पर सवाल उठाया है। आरएसएस ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(अजित पवार) को बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल करना गलत क़दम था। इससे भाजपा के कार्यकर्ता आहत हुए हैं।

स्तंभकार और आरएसएस सदस्य रतन शारदा ने आरएसएस के मुखपत्र में लिखा है कि स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर कई लोकसभा सीटों पर ‘दलबदलु’ नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया। दलबदलु नेताओं को टिकट देने के लिए अच्छे सांसदों को अनदेखा किया गया। आरएसएस के मुखपत्र में छपे इस लेख पर एनसीपी (अजित पवार) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

एनसीपी के प्रवक्ता उमेष पाटिल ने कहा, ‘ऑर्गनाइजर आरएसएस का आधिकारिक मुखपत्र नहीं है और आरएसएस के विचारधारा को नहीं दर्शाता है। मुझे नहीं लगता बीजेपी के बड़े नेता इस लेख से सहमत होंगे। जब पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ़ होती हैं तो गलतियां ढूंढती हैं और आरोप लगाती हैं। राजनीति में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते हैं। सब कुछ चुनाव के परिणाम पर निर्भर करता है। मुझे नहीं लगता इस लेख में कोई सच्चाई है।’

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