डिलेवरी आपरेशन के दरमियान गर्भवती की हुई मौत, अंतिम संस्कार के बाद चिता के फुल ने लिया अपने मौत के लिए डाक्टर की लापरवाही का इन्साफ, अस्पताल का लाइसेंस हुआ कैंसिल
आदिल अहमद
डेस्क: गलत करने के बाद लाख इंसान छिपाने की कोशिश करे, मगर अगर कुदरत चाहती है तो इन्साफ उसका दिलवा देती है। ऐसा ही एक मामला मेरठ का सामने आया जब एक डिलेवरी आपरेशन में मृत महिला की चिता ने दुनिया को चीख कर बता दिया कि उसकी मौत के लिए वह लापरवाह अस्पताल ज़िम्मेदार है जहा उनके डिलेवरी का आपरेशन हुआ था। फिर क्या था, परिजनों ने हंगामा काटा और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
हुआ कुछ इस तरह कि मेरठ में एक महिला की प्रसव ऑपरेशन के बाद मौत हो गई और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब वह महिला की चिता से फूल चुन रहे थे तो उनको चिता में एक सर्जिकल ब्लेड मिला है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही है जिस महिला की मौत हुई है सर्जिकल ब्लेड महिला के पेट में छोड़ दिया गया था।
दरअसल ये घटना हस्तिनापुर थाना इलाके के गांव राठौरा खुर्द की है। यहां रहने वाले संदीप की पत्नी नवनीत कौर को 22 जून को मेरठ के कस्बा मवाना के जे के अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। कहा जा रहा है कि सर्जरी के दौरान हालत बिगड़ने पर महिला को मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया जहां उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार कर दिया।
आरोप है कि जब परिजनों ने मृतक महिला की चिता से फूल चुने तो उन को चिता की राख में एक सर्जिकल ब्लेड मिला। ब्लेड मिलने के बाद परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि सर्जिकल ब्लेड महिला के पेट में छोड़ दिया गया था जिसके चलते ही उसकी मौत हुई है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें परिजन चिता से फूल चुन रहे है और उन को ब्लेड मिलता है। वहीं इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। हालांकि PNN24 न्यूज़ इस वायरल वीडियो की पुष्टि नही करता है।
परिजनों ने भी सीएमओ ऑफिस पर पहुंच कर सामाजिक संगठन के साथ धरना दिया। जिसके बाद मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर जांच बैठा दी है। फिलहाल मामले में जांच चल रही है और अस्पताल का लाइसेंस निरस्त है।