गजब का वाराणसी कोतवाली पुलिस और उसका इंसाफ़: जो मार खाया उसी को थाने पर बैठाया, मगर कोतवाल साहब, ये घटना पहली नही है वहां की, एक दिन बन सकती है बड़ी सरदर्द

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी कोतवाली पुलिस का अनोखा इन्साफ आज देर रात उस समय निकल कर सामने आया है, जब दो अलग अलग सम्प्रदायों के युवको में हुवे विवाद में एक सम्प्रदाय के चार घायलों को हवालात की हवा खिलवा दिया है, वही नशे में धुत होकर मारपीट करने के आरोपियों के तरफ से शिकायत दर्ज कर लिया है और उनको घर भेज दिया है। वैसे इस प्रकार की घटनाओं को कहा जाता है कि ‘जबरा मारे तो रोवे भी न दे।’

घटना के सम्बन्ध में अंजुमन जव्वादिया पितरकुंडा बनारस के सचिव सय्यद ज़रगाम हैदर ‘जग्गू’ ने बताया आज तीजे के दिन हमारी अंजुमन के युवक आदमपुर थाना के चौहट्टा लाल खान में नौहाखानी के लिए गई हुई थी। वापसी के समय देर रात्रि 12-12:15 बजे के आसपास जब अंजुमन के सदस्य वापस अपने घर को आ रहे थे, तभी दो-तीन नशे में धुत युवक विशेश्वरगंज चौराहे पर होटल त्रिदेव के ठीक सामने उनमें से एक बाइक सवार से आकर लड़ गए और सांप्रदायिक गाली दे दिया।

सय्यद जरगाम हैदर जरगाम हैदर जग्गू ने बताया कि गाली सांप्रदायिक होने पर जब हमारे अंजुमन के युवको ने आपत्ति किया तो एकमत होकर हमारे तीन अंजुमन के साथियों को उन अज्ञात युवको द्वारा और कुछ अन्य के द्वारा बुरी तरह मारा पीटा और गालियाँ देना शुरू कर दिया। बीच बचाव में आये अंजुमन के कुछ अन्य सदस्यों को भी चोट आ गई। उसी समय कोतवाली पुलिस गश्त के दरमियान आई और दोनों पक्षों को लेकर थाने आ गई। जहा पुलिस ने एक तरफ़ा कार्यवाही करते हुवे हमारे अंजुमन के घायल साथियों को थाने में बैठा लिया है, जबकि विपक्षी कई मौके से फरार हो गये और 2 युवको को लाकर उनकी मरहम पट्टी करवा कर उनको छोड़ दिया।

क्या कहते है कोतवाल साहब

इस मामले में हमने कोतवाल साहब को कई काल किया। काफी मशक्कत के बाद कोतवाल साहब ने फोन उठाया और कहा कि सुबह दुसरे पक्ष को भेज दीजियेगा मैं मामले को देख लूँगा। जब हमने कहा कि दूसरा पक्ष तो पहले से हवालात में आपकी है, तो उन्होंने सुबह मामले को देखने की बात कही।

इसके पहले भी हो चुकी है वहा घटना, नहीं चेती कोतवाली पुलिस

दरअसल त्रिदेव होटल के ठीक सामने दो एक महिला और एक युवती अंडे और चाय नमकीन का खोमचा लगाती है। उस दूकान पर कोतवाली पुलिस की विशेष कृपा रहती है, जबकि पूरी रात उस दूकान पर दारुबाजो का जमावड़ा रहता है। इसके पूर्व भी कुछ छिटपुट घटनाओं के सामने आने की बात रही है। दो वर्ष पूर्व नई सड़क के कपडा व्यवसाई कोयला बाज़ार निवासी अमीन लुंगी को रमजान के माह में भी इसी तरह घेर कर वहाँ युवको ने पिटाई किया था। उस समय भी घायल हुवे अमीन और उनके पुत्र कोतवाली का चक्कर लगाते रहे मगर मामले को ठन्डे बसते के हवाले कर दिया गया था।

वैसे कोतवाली पुलिस ने उस इलाके और ख़ास तौर पर उस दूकान पर ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन किसी बड़ी घटना का कारण भी वह इलाका बन सकता है। जो आज नही कल कोतवाली पुलिस के लिए सरदर्द बन जायेगा। अब देखना है कि कोतवाल साहब का विशेष एकतरफा इन्साफ आगे इस मामले में क्या करता है। मगर विभिन्न अन्जुमानो में फिलहाल रोष की बात सामने आ रही है।

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