अभिनेत्रियों द्वारा एक निर्देशक और अभिनेता पर अनुचित व्यवहार और यौन उत्पीडन के आरोप लगाये जाने के बाद मलयालम फिल्म निर्देशन रंजित ने दिया केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा
आदिल अहमद
डेस्क: एक बांग्ला अभिनेत्री सहित अन्य महिला अभिनेत्रियों की ओर से एक निर्देशक और अभिनेता पर ‘अनुचित व्यवहार’ और ‘यौन उत्पीड़न’ के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद दो प्रमुख मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के संगठनों के प्रमुखों पर गाज गिरी है। जस्टिस हेमा की अगुवाई वाली समिति की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में महिला कलाकारों, सहायक निर्देशकों, जूनियर कलाकारों, तकनीशियनों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े अन्य लोगों के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न और भेदभाव के आरोपों की पुष्टि की गई है।
बांग्ला अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने मलयालम फिल्म निर्देशक रंजीत पर आरोप लगाया था कि एक साल पहले मुलाक़ात के दौरान रंजीत ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया था। इन आरोपों के बाद मलयालम फिल्म निर्देशक रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने संस्कृति मंत्री शाजी चेरियन को अपना इस्तीफ़ा सौंपा। ऑडियो बयान में रंजीत ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया और कहा कि इस मामले में ‘असली पीड़ित’ वो खुद हैं।
उन्होंने कहा, ‘यहां पर वो (अभिनेत्री श्रीलेखा) शिकारी है और मैं शिकार हूं। अगर वो कोई क़ानूनी कार्रवाई करती हैं तो मैं उसका सामना उसी तरह से करूंगा।’ यूथ कांग्रेस, बीजेपी और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ़) सरकार में सहयोगी सीपीआई की नेता एनी राजा ने निर्देशक रंजीत के इस्तीफ़े की मांग की थी। केरल यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष अबिन वारके ने मीडिया को बताया कि बांग्ला अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने मामला न दर्ज कराने का निर्णय लिया था, जिसके बाद मैंने जांच शुरू करने और कार्रवाई करने के लिए डीजीपी से शिकायत की।
उन्होंने बताया कि ‘मैंने जस्टिस हेमा की रिपोर्ट में किए गए खुलासों की जांच के लिए और रंजीत का समर्थन करने के लिए संस्कृति मंत्री शाजी चेरियन के ख़िलाफ़ भी इसी तरह की शिकायत डीजीपी से की थी।’ केरल सरकार के मंत्री एमबी राजेश ने मीडिया को बताया कि सरकार क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाएगी। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का रुख़ साफ है। उनका कहना है कि अगर कोई पीड़िता शिकायत दर्ज कराने के लिए सामने आती हैं तो सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि उन्हें न्याय मिले।