शर्मनाक..! बेटी के घर जा रहे मुस्लिम बुज़ुर्ग की ट्रेन में बीफ ले जाने का आरोप लगा कर कतिपय दबंगो ने किया बर्बर पिटाई, जीआरपी ने दर्ज किया मामला, बुज़ुर्ग ने अफवाहों को रोकने के लिए वीडियो जारी कर कहा ‘मैं जिन्दा हूँ….!’

तारिक आज़मी

डेस्क: महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में ईगतपुरी के निकट एक एक्सप्रेस ट्रेन में बीफ़ ले जाने के संदेह में एक मुस्लिम बुज़ुर्ग शख़्स के साथ उनके साथ बैठे मुसाफ़िरों ने मारपीट की है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद जीआरपी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जीआरपी ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही जीआरपी ने तीन लोगो को हिरासत में लिए जाने की जानकारी भी साँझा किया है। दूसरी तरफ बुज़ुर्ग को लेकर उड़ रही अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए पीड़ित बुज़ुर्ग ने अपना वीडियो जारी कर कहा है कि ‘मैं जिंदा हूँ…!’

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक दर्जन लोग ट्रेन के अंदर एक मुस्लिम बुज़ुर्ग व्यक्ति पर हमला करते और उसे गालियां देते नज़र आ रहे हैं। जीआरपी के अनुसार, जलगांव ज़िले के निवासी हाजी अशरफ़ मनियार कल्याण में अपनी बेटी के घर जा रहे थे। इसी दौरान ईगतपुरी के पास उनके सहयात्रियों ने इस संदेह पर उनकी पिटाई कर दी कि वे गौमांस ले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में एक बुज़ुर्ग शख़्स को आसपास बैठे कई युवक गालिया देते नज़र आ रहे हैं और उनके साथ मारपीट भी कर रहे हैं। इस दौरान मारपीट करने वाले मुसाफ़िर फ़ोन से वीडियो बनाते नज़र आ रहे हैं और बुज़ुर्ग को कई तरह की चेतावनी और धमकी भी दे रहे हैं।

घटना के वीडियो को सोशल मीडिया एक्स पर शेयर करते हुए फ़ैक्ट चेकर पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने लिखा है, ‘हाजी अशरफ़ कल्याण जाने वाली एक ट्रेन से अपनी बेटी से मिलने जा रहे थे, इसी दौरान गुंडों ने उन्हें बुरी तरह पीटा और गाली गलौज की।’ वहीं एआईएमआईएम के वरिष्ठ नेता इम्तियाज़ जलील ने ट्वीट किया है, ‘हम सिर्फ मूकदर्शक नहीं बने रह सकते। अब समय आ गया है कि हम सभी धर्मनिरपेक्ष भारतीयों को इन ताक़तों को हराने के लिए एक साथ आना चाहिए। इन लोगों के बीच कितना ज़हर फैल गया है और वे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ ऐसा करने के बारे में कैसे सोच सकते हैं जो शायद उनके दादा की उम्र का है।।।’

अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, यह घटना 28 अगस्त 2024 की है, जब 72 साल के हाजी अशरफ़ धुले-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रहे थे। शुरुआती जांच में पाया गया है कि वो भैंस का मीट ले जा रहे थे, जो महाराष्ट्र में प्रतिबंधित नहीं है। द हिन्दू के मुताबिक़ इस घटना से जुड़े तीन प्रमुख अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें धुले से ठाणे लाया गया है। ख़बर के मुताबिक़ ये अभियुक्त ट्रेन के उसी कोच में सफर कर रहे थे और धुले वापस जाते हुए पुलिस ने उनकी पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। मुंबई के वरिष्ठ जीआरपी अधिकारियों के मुताबिक़ घटना में अभियुक्तों के शामिल होने की पुष्टि होने के बाद इनकी आधिकारिक तौर पर गिरफ़्तारी की जाएगी।

रेलवे ने मीडिया को बताया है कि इस घटना के संबंध में 31 अगस्त को जीआरपी को एक शिकायत मिली थी कि ‘हाजी अशरफ़ मनियार के साथ ईगतपुरी के पास ट्रेन में गुंडों ने दुर्व्यवहार किया और उनके साथ मारपीट की।’ यह घटना 28 अगस्त की है जब हाजी अशरफ़ अपनी बेटी से मिलने ट्रेन से कल्याण जा रहे थे। रेलवे को पता चला कि 28 अगस्त को जलगांव के रहने वाले 72 साल के अशरफ़ नामक मुसाफ़िर अपने कल्याण में रहने वाली अपनी बेटी के पास धुले-सीएसएमटी एक्सप्रेस से आ रहे थे।

जीआरपी के मुताबिक़, उन्हें अपने सूत्रों से पता चला है कि ट्रेन में उनके और उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य सह-यात्रियों के बीच सीट को लेकर बहस हो गई। इसी के तहत साथी यात्रियों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। शिकायतकर्ता हाजी अशरफ़ और उनकी परिजनों की शिकायत पर इस मामले में कुल पांच से छह संदिग्धों की पहचान की गई है। सेंट्रल रेलवे के डीसी मनोज नाना पाटिल के मुताबिक़ इस मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। संदिग्धों को धुले में पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें ठाणे लाने के लिए एक टीम रवाना की गई। इस संबंध में जीआरपी आगे की क़ानूनी कार्रवाई करेगी।

शिकायत मिलने के बाद चालीसगाँव रेलवे स्टेशन के सीसीटवी फ़ुटेज के आधार पर मामले की जाँच आगे बढ़ाई गई है। सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य वीडियो में यह अफ़वाह फैलाने की कोशिश भी हुई है कि पीड़ित बुज़ुर्ग शख़्स ने शर्म से आपनी जान दे ही है। हालाँकि रेलवे ने बीबीसी को बताया है कि जीआरपी ने अपील की है कि बुज़ुर्ग शख़्स सुरक्षित हैं और इस मामले में कई अफ़वाह न फ़ैलाए, वहीं शिकायत दर्ज कराने के बाद एक वीडियो सामने आया है जिसमें पीड़ित अशरफ़ बता रहे हैं कि वो ज़िंदा हैं और ठीक हैं।

उन्होंने कहा, ‘मेरा नाम अशरफ़ अली सैयद हुसैन है। मैं चालीसगांव का रहने वाला हूं और हाजी हूं। मैं ज़िंदा हूं और आप लोग जो मेरे लिए फ़िक्र कर रहे हैं मैं उनका शुक्रिया अदा कर रहा हूं। आप कोई ग़लत क़दम न उठाएं मैं इसकी अपील करता हूं।’

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