समलैंगिकता को अपराध बताने वाली एमबीबीएस सिलेबस की गॉइडलाइन ली गई वापस
रेयाज़ अहमद
डेस्क: नेशनल मेडिकल कमिशन ने कॉम्पिटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन पाठ्यक्रम (सीबीएमई) 2024 के गाइडालाइंस को वापस ले लिया है। जारी किए गए पाठ्क्रम गाइडालाइंस पर काफ़ी विवाद हुआ था, जिसके बाद इसे वापस लिया गया। एनएमसी भारत में मेडिकल शिक्षा और प्रैक्टिस की निगरानी करने वाली शीर्ष संस्था है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, संशोधित फॉरेंसिक मेडिसिन पाठ्यक्रम में समलैंगिकता को अप्राकृतिक यौन अपराध बताने के अलावा हाइमन का महत्व, वर्जीनिटी की परिभाषा और इसके मेडिकल-क़ानूनी पहलुओं को शामिल किया गया था। एक आधिकारिक सूचना में कहा गया है कि उपरोक्त गाइडलाइंस पर पुनर्विचार किया जाएगा और उसके बाद इसे दोबारा अपलोड किया जाएगा।
नेशनल मेडिकल कमिशन ने समलैंगिकता को अपराध बताने को, पाठ्यक्रम से साल 2022 में हटा लिया था, लेकिन इसी साल इसे दोबारा पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। मद्रास हाई कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमिटी गठित की थी जिसके सुझावों के बाद एमबीबीएस पाठ्यक्रम को एलजीबीटीक्यू फ़्रेंडली बनाने की कोशिश के तहत इन्हें पाठ्यक्रम से हटया गया था।