नाबालिग किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी युवक द्वारा जेल में आत्महत्या के बाद परिजनों के आक्रोश से रूबरू हुआ प्रशासन, परिजनों को पोस्टमार्टम हेतु मऊ ले जाने का प्रशासन द्वारा समस्त प्रयास हुआ असफल, दर्ज मुक़दमें को लेकर उठाया परिजनों ने गम्भीर सवाल
उमेश गुप्ता
बिल्थरारोड (बलिया)। मऊ जिला जेल में नाबालिग युवती के अपहरण एवं बलात्कार के मामले में निरुद्ध मुकेश यादव की मौत का मामला तूल पकड़ लिया है। जेल अधीक्षक की सूचना पर शव के पंचायतनामा एवं पोस्टमार्टम हेतु परिजनों को मऊ ले जाने के लिए प्रशासन का रविवार को पूरे दिन अथक प्रयास असफल सावित हुआ।
पत्नी शोभा के लिए परिजनों द्वारा एक करोड़ रुपया नगद आर्थिक सहायता, मृतक की पत्नी शोभा को सरकारी नौकरी, सरकारी आवास, खेतीहर दो एकड़ भूमि देने के लिए लिखित मांग कर रहे थे। प्रशासन की तरफ से पहले एसडीएम निशान्त उपाध्याय एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी रसड़ा मो फहीम ने पुलिस एवं राजस्व टीम के साथ मनाने का विफल प्रयास किया। परिजन मौके पर डीएम को बुलाने की मांग पर अड़ गये। सूचना पाकर अपर जिलाधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह एवं अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झां मौके पर पहुंचे और नियमानुसार सुविधा तथा शासकीय सहायता देने का भरोसा दिया।
इन सबके बावजूद भी बात नही बनी और समाचार लिखे जाने तक मृतक के घर पर पोस्टमार्टम कराये जाने की सूचना चस्पा कर सभी अधिकारी वापस हो गये। और बात नही बनी। पूरा मामला के संदर्भ में बताया गया है कि मऊ जिला जेल में नाबालिग युवती शोभा के अपहरण एवं बलात्कार के मामले में निरुद्ध मुकेश यादव पुत्र तेजू यादव के द्वारा बीते शनिवार को लगभग 3 बजे दिन में गमछे के फंदे के सहारे आत्म हत्या किये जाने की घटना से सनसनी फैल गयी है। उक्त आरोपी उभांव थाना क्षेत्र के ग्राम खैराखास (मधुबनी) का निवासी है।
घटना के बारे में पुलिस अभिलेख के अनुसार बताया गया है कि उभांव थाना क्षेत्र के ग्राम खैराखास (मधुबनी) शंकर तुरहा ने 12 फरवरी को अपनी बहन शोभा कक्षा 8 की छात्रा बताकर उसके अपहरण का नामजद मुकदमा मृतक मुकेश यादव पुत्र तेजू यादव के विरुद्ध बीते 21 फरवरी को उभांव थाने में दर्ज कराया था। जिसके सम्बन्ध में पुलिस ने उसे विधिक कार्यवाही कर न्यायालय चालान किया और वह जेल में निरुद्ध हो गया था। पुलिस की माने तो पीड़िता शोभा का 164 सीआरपीसी के तहत न्यायालय में कलम बन्द बयान भी कराया था।
पुलिस का कहना है कि 164 के बयान में उसके गर्भवती होने की पुष्टि भी हो चुकी है। इस प्रकरण में उक्त युवती ने चिकित्सकीय परीक्षण कराने से पुलिस को मना कर दिया था। यह भी मामला प्रकाश में आया है कि दोनेा अन्तरजातीय विबाह भी कर लिया था। रविवार को पोस्टमार्टम हेतु पहुंचे अधिकारियों के समक्ष इस बात का भी सवाल परिजनों ने उठाया था कि आधार कार्ड पर शोभा की उम्र 23 वर्ष है, कहां से उसका नाबालिग का स्कूल से 17 वर्ष का प्रमाण पत्र दाखिल कर दिया गया। यह भी जांच होनी चाहिए।