बिहार के परीक्षार्थियों के साथ पश्चिम बंगाल में मारपीट मामले में पुलिस ने किया दो आरोपियों को गिरफ्तार, अभियुक्त ‘बांग्ला पोक्खो’ नामक एक भाषाई संगठन के कार्यकर्ता
फारुख हुसैन
डेस्क: सिलीगुड़ी पुलिस ने बिहार के दो छात्रों के साथ मारपीट के मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार व्यक्ति की पहचान रजत भट्टाचार्य के रूप में हुई है जो ‘बंगला पोक्खो’ नाम के एक भाषाई संगठन के सदस्य बताए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि दोनों छात्र एसएससी की परीक्षा देने के लिए सिलीगुड़ी पहुंचे थे।
जिस जगह ये दोनों छात्र रुके हुए थे, वहां मंगलवार की रात को अचानक रजत भट्टाचार्य अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और दोनों ही छात्रों के साथ मारपीट की। उन्हें धमकी भी दी कि भविष्य में पश्चिम बंगाल में आयोजित किसी भी परिक्षा में शामिल न हों। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पहले तो पता नहीं चल पा रहा था कि वीडियो कहाँ का है, मगर देर रात वीडियो का सत्यापन हो गया कि ये सिलीगुड़ी का है।
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर के कार्यालय से बयान जारी कर कहा गया कि वीडियो में दिखने वाले लोग ख़ुद का परिचय गुप्तचर विभाग के अधिकारियों के रूप में दे रहे हैं। बयान में कहा गया कि दोनों व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उनमें से कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं है। एक की पहचान रजत भट्टाचार्य के रूप में हुई है। इस वीडियो को लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच राजनीति भी गर्मा गई जब दो केंद्रीय मंत्रियों गिरिराज सिंह और चिराग पासवान ने इस तरह की घटना की निंदा करते हुए बिहार बंगाल जा रहे परीक्षार्थियों की सुरक्षा की मांग की थी।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक अलोक राज को निर्देश दिया कि वो पश्चिम बंगाल की पुलिस और अधिकारियों से संपर्क कर बिहार से गए परीक्षार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं साथ ही सिलीगुड़ी की घटना की जांच कर दोषियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए। बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड आर्डर) ने पश्चिम बंगाल पुलिस महानिदेशक को इस सिलसिले में एक पत्र भी भेजा है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा था, ‘बंगाल में रोहिंग्या मुसलमान के लिए रेड कारपेट और परीक्षा देने गए बिहार के बच्चे के साथ मारपीट? क्या ये बच्चे हिंदुस्तान के अंग नहीं हैं? क्या ममता सरकार ने सिर्फ़ बलात्कारियों को बचाने का ठेका ले रखा है?’ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना था कि सरकार दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करेगी। नौकरी की परीक्षा देने के लिए छात्र एक राज्य से दूसरे राज्यों में जाते हैं। अगर कहीं पर भी इस तरह की घटनाएं होती हैं तो वो नहीं होनी चाहिए।