बरेली विवाद पर तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: जय हो गुरु मीडिया….! दो पियक्कड़ बैठ कर पिए दारु, फिर हुआ झगड़ा, और रोल बन गया ‘हिन्दू-मुस्लिम’..? ‘अरे दुन्नो दारुबाज है यारो……!
तारिक आज़मी
गुरु शायर लोंग भी गजबे का शेर वेर कर देते है, पहले तो समझ न आवे, अऊर जब समझ आवे तो हंस सकते है आप। ऐसे ही एक शायद थे चचा राहत इन्दौरी। न जाने कबका उन्होंने इरशाद फरमाया था कि ‘सबकी पगड़ी को हवाओं में उछाला जाए, सोचता हु कोई अखबार निकाला जाए।’ इसका गुरु असली मतलब तो अब समझ आता है जब खबर के नाम पर खबर का कचूमर पराठा बन कर परोसा जाता है, और हम है कि ‘टुकुर टुकुर देखत रहे।’
वैसे अरसा दराज़ गुज़र गया था, मोरबतियाँ में बतियावे हुवे तो हमरे काका आज सुबहिये कहिन रहा कि तनिक बतिया लिया करो। अब कहा काका की कहावत तनिक उन्ही पर उलटी सेट है आज कल। उ कहते है की बतिया है कर्तुतियाँ नाही, मेहर है, घर खटिया नाही।’ मगर काका के लिए उल्टा मामला है कि ‘खटिया है घर मेहर नाही। (सूचनार्थ प्रेषित कि आज कल काकी मायके गई हुई है)
बहरहाल साहब, बात ई है कि काका का हुकुम है कि आपसे बतियाना है, तो बतिया लेते है। आज का मुद्दा बरेली में हुई ढिशुम ढिशुम है। अपने पसंदीदा भोपू पर आपको पता चल चूका होगा कि किला थाना क्षेत्र में बरेली स्टाइल के ले ढिशुम ढिशुम हो गई है। आपका भूपू बक्सा आपको बता चूका होगा कि ‘दो सम्प्रदाय में जमकर चले ईंट पत्थर, पुलिस ने दोनों पक्षों के 10 नामज़द और 20-25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इलाके में शांति बरक़रार है। पथराव का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।’ वगैरह वगैरह आप चौचक पढ़ चुके होंगे और चपक के भोपू पर देख चुके है।
वैसे बताते चले कि आज वाराणसी कि विश्व प्रसिद्द नक्कटईया है चेतगंज की, तो आप फोकस उधर रख सकते है क्योकि इधर जिसको आप ब्रेकिंग और बिग ब्रेकिंग के नाम पर देख रहे है वह फोकस नही बोक्स खबर है। वैसे हमरी बतिया लोंगो के समझ आवे है मगर तनिक देरी से। थोडा उंचा उचक के कई जाने देखे है तब लेबल आवे है। हमरे लड्डू भाई तो छतिया पर बैठ कर पढ़े है तब उनके समझ आवे है। वैसे उ खईनि खावे भी छत पर जाते है पूछो तो कहिये कि ‘ऊँचे लोंग ऊँची पसंद।’ सोच रहे है उन्हें केहू दिन बुज खलीफा पर खईनी खाये की सलाह दे दे। देर ऊँची पसंद हो जाए।
अब देखे आपहु सोच रहे है कि ई बतियावे आव बरेली की बात और बतिया रहा है चेतगंज और खईनी की बात। सनक गया का? तो भईया तानिक्को नहि संके है। बतिया ऐसी है कि जितना बड़का बड़का हो हल्ला करके भोपू एकरा का देखे लोंग उ कुल ढोल का पोल है। अरे यार दू दारुबाज दारु पीकर लड़ गए रहे, और चौचक लड़ाई हो गई। दुन्नो दारुबजवन के बड़ा सामाजिक पकड़ रहा, तो दुन्नु तरफ से ढिशुम ढिशुम करे के लिए लोंग आ गये रहे, अऊर कऊनो बात नाही रही। बस दारूबाजी का ई बवाल ऐसा हुआ कि सड़कवे पर ईंट पत्थर चल गया तो थोडा हो बवाल बड़ा लगा मगर पुलिस के आते देख दुन्नो पक्ष पिन्न से भाग गये। वैसे पुलिस दोनों पर ऍफ़आईआर किये है। शांति है।
लो, जब ईहे बतियाना है तो चलो पूरी बतिया बता दे रहे है। बाद में मत कहियो कि पूरी बतिया नहि बतावा। हुआ कुछ ई तरह कि बरेली के किला थाना क्षेत्र में स्थित श्मशान भूमि फाटक के पास वाल्मिकी मोहल्ला है। यहां दो दारुबाज बैठ के दारु के नशे में लड़ गए। इत्तिफाक से एक दारुबाज़ बाल्मीकि रहा तो दूसरा मुस्लिम रहा। बस शराब पीने में कऊनो बात को लेकर विवाद हो गया है। देखते ही देखते दो दारुबाजो का विवाद लोंगो के नज़र में समुदाय का विवाद बन गया। एक दूसरे पर ईंट पत्थरों से हमला कर दिया, इस घटना की वीडियो भी वायरल हुआ।
अब सोशल मीडिया के खलिहर नौजवान को इम्मे हिन्दू मुस्लिम एन्गल दिखाई दिया तो व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी में ढेर पंचाइत होतिए रहती है। तो चालू हो गई पंचाइत। हद तो खत्म हुई कि भोपू भी इम्मे शामिल हो गया और ‘गौर से देखे वीडियो को कैसे पत्थर और ईंट चल रही है। ‘अरे यारो दो सम्प्रदाय का झगडा नही है, सच कहते है दुन्नो दारुबाज़ रहे। कर बैठे। अब देखना न कल परसों में फिर दुन्नो एक साथ पियेगे।
वैसे पत्थरबाजी जहा हुई वह यहाँ का मुख्य मार्ग है तो आवाजाही बाधित हो गई। केहू हमरे बबलू च जैसा समझदार रहा होगा, उ पुलिस को फोन करके बढ़िया काम किया। पुलिस मौके पर आई तो दुन्नो पक्ष भाग खड़े हुवे। शांति व्यवस्था दुई मिनट में बहल हो गई। इसके बाद इस मामले में बाकरगंज चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार ने 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 15 से 20 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत कराया है। वैसे ये बातिया तो ठीकही है कि अचानक शुरू हुई पत्थरबाजी से इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में जुटी हुई, मामले में आगे वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
अब भईया खुदही सोच के बताओ कि दू पियक्कड़ अलग अलग धरम के है तो एक दुसरे से झगड़ा होने पर मामला हिन्दू मुस्लिम हो जायेगा का….? अरे गुरु दुन्नो पिए रहे, उतर गई होगी अबतक और सोच रहे होंगे कि एक पऊवा कही जुगाड़ हो जाता और। पुराने वाले का सुरूर उतर गया है। वैसे हमारे आज की बतिया का मुख्य बात ईहे रही कि हर बतिया में हिन्दू मुस्लिम एंगल से देखने वाले लोंग दारुबाजो को दारुबाज़ के तौर पर देखे। वैसे जिसको हमारी बतिया न समझ आई हो उ अब ‘पोगो’ देख सकता है।