हिडेनबर्ग द्वारा लगे आरोपों का जवाब देने के लिए संसदीय समिति के सामने नही पेश हुई माधबी पूरी बुच

आदिल अहमद

डेस्क: सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और सेबी के अन्य अधिकारियों ने गुरुवार को लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश होने में असमर्थता जताई है। लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और अन्य अधिकारियों की बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताने के बाद गुरुवार को होने वाली बैठक को टाल दिया गया है।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के माधबी पुरी बुच पर लगाए गए आरोपों के बाद सेबी प्रमुख को संसदीय समिति पीएसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों को बताया, ‘आज सुबह 9:30 पर हमें सेबी की अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की तरफ से यह सूचना मिली थी कि निजी कारणों से वह दिल्ली नहीं आ पाएंगे।’

उन्होंने कहा है ‘एक महिला की तरफ से किए गए निवेदन को देखते हुए समिति ने किसी और दिन बैठक करने का निर्णय किया है।’ लोक लेखा समिति की बैठक टाले जाने बाद इसके सदस्य और बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने केसी वेणुगोपाल पर अपनी मर्ज़ी से फैसला लेने का आरोप लगाया है। रवि शंकर ने कहा है कि लोक लेखा समिति के अन्य सदस्य जिसमें बीजेपी के सहयोगी दल के सदस्य भी शामिल उन्होंने केसी वेणुगोपाल के बर्ताव खिलाफ़ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पास जाने की बात कही है।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फ़र्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफ़शोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अदानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई थीं। हालांकि, इस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर माधबी पुरी बुच और उनके पति ने कहा था कि रिपोर्ट में जिस फ़ंड का ज़िक्र किया गया है, उसमें साल 2015 में निवेश किया गया था। ये माधबी के सेबी का सदस्य बनने से दो साल पहले का मामला है।

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