इसराइली हमले पर बोले ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई ने अमेरिका और इसराइल के लिए कहा ‘उन्हें निश्चित रूप से करारा जवाब मिलेगा’
ईदुल अमीन
डेस्क: ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने एक सप्ताह पहले ईरान पर हुए इसराइली हमले के बाद अमेरिका और इसराइल को चेतावनी दी है। ख़ामेनेई ने कहा है, ‘उन्हें निश्चित रूप से इसका करारा जवाब मिलेगा।’ इस बयान को लेकर अब ईरान के द्वारा इसराइल पर जवाबी कार्यवाही के कयास लगाये जा रहे है।
आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने तेहरान में साल 1979 में अमेरिकी दूतावास पर ईरानी प्रदर्शनकारियों के कब्जे की 45वीं वर्षगांठ से पहले शनिवार को छात्रों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है। यह धमकी ऐसे समय में आई है जब ईरान इस बात पर विचार कर रहा है कि इसराइल के हमले का जवाब कैसे दिया जाए। इसराइल का यह हमला अक्तूबर महीने की शुरुआत में इसराइल पर ईरानी मिसाइल हमले का बदला था।
हिज़्बुल्लाह और हमास, ईरान समर्थित सशस्त्र समूह हैं और इसराइल से ज़ंग लड़ रहे हैं। ईरान ने हिज़्बुल्लाह और हमास के नेताओं और एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर की हत्या के जवाब में इसराइल पर मिसाइल हमला किया था। ख़ामेनेई ने अपने ताज़ा बयान में कहा कि इसराइल और अमेरिका सहित ईरान के दुश्मन ‘ईरान, ईरान के लोगों और रेज़िस्टेंस फ़्रंट के साथ जो कुछ कर रहे हैं, उसका निश्चित रूप से करारा जवाब मिलेगा।’
ईरान का तथाकथित ‘एक्सिस ऑफ़ रेज़िस्टेंस’ ईरान समर्थित समूहों का गठबंधन है जिसमें ग़ज़ा में हमास, लेबनान में हिज़्बुल्लाह, यमन में हूती, इराक़ और सीरिया में बड़े हथियारों से लैस कई सशस्त्र समूह शामिल हैं। इनमें से ज़्यादातर समूहों को कुछ पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। ऐसा कहा जाता है कि इसराइल ने 26 अक्टूबर के हमले में ईरानी वायु रक्षा और मिसाइल क्षमता को बड़ा नुक़सान पहुंचाया है। हालाँकि ईरान ने इसे स्वीकार नहीं किया है।
पिछले साल 7 अक्तूबर को हमास ने इसराइल पर हमला किया था, जिसमें क़रीब 1200 लोग मारे गए थे। उस हमले के बाद हमास 250 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी में भी ले गया था। इसराइल मानता है कि ईरान ने हमास को उस हमले के लिए बड़ा समर्थन दिया था।