प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रो के सम्बन्ध में बोले अखिलेश ‘बीजेपी के लोग जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं’, बोली मायावती ‘क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है’

मो0 कुमेल

डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के दफ़्तर के बाहर छात्रों के प्रदर्शन पर राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों यानी मायावती और अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार के पास ऐसी सुविधाओं का अभाव हो गया है जो पीसीएम जैसी विशिष्ठ परीक्षा दो दिनों में करवाना पड़ रहा है।

बीएसपी चीफ़ मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है, ‘क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। पेपर लीक पर रोक और परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी। सरकार इस ओर ध्यान दे। मायावती का कहना है कि छात्रों पर पुलिस कार्रवाई से उत्पन्न हालात की ख़बर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक है।’

वहीं अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ‘भाजप के लोग जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई सांप्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें।’ अखिलेश यादव ने इस लिखित बयान में दावा किया है, ‘सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रियाप पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा किया है।’

बताते चले कि सोमवार को प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के दफ़्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। ये छात्र पीसीएस-2024 की प्री और आरओ एआरओ प्री परीक्षा को दो दिन में कराए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसके ख़िलाफ़ सोमवार सुबह करीब 11 बजे से अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है। अभ्यर्थियों की मांग है कि परीक्षा एक दिन और एक ही शिफ्ट में कराई जाएं। साथ ही वो नॉर्मलाइज़ेशन व्यवस्था लागू होने का भी विरोध कर रहे हैं।

इस मामले पर प्रयागराज के ज़िलाधिकारी रविंद्र कुमार मंदार ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि सरकार को कई छात्र कमेटी ने सुझाव दिया था कि परीक्षा में धोखाधड़ी, पेपर लीक जैसी घटनाएं होती हैं, इसलिए केवल सरकारी संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाना चाहिए। उनके मुताबिक़, ‘इसलिए आयोग ने सरकारी संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाया है और क्योंकि इसमें अभ्यर्थियों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है इसलिए परीक्षा को दो दिनों में आयोजित कराने का फ़ैसला किया गया।’

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *