संभल में शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताते हुवे दाखिल हुई याचिका पर आज पहले दिन की सुनवाई में अदालत ने दिया कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश, अदालत से हुक्म के चंद घंटो बाद ही शुरू हुआ सर्वे

तारिक आज़मी

डेस्क: संभल की शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताने को लेकर पहली बार कोई याचिका दाखिल की गई थी। आज ही इस याचिक पर सुनवाई करते हुए पहले ही दिन मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दे दिया गया। आदेश आने के महज़ चंद घंटो के अन्दर ही तत्काल स्थानीय सांसद, जिलाधिकारी और भारी फ़ोर्स के साथ सर्वे शुरू हो गया। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने यह सर्वे का आदेश यह कहते हुवे दिया है कि इससे न्याय करना आसान होगा।

कोर्ट के आदेश पर वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सिविल कोर्ट से कमिश्नर सर्वे का आदेश हो गया है। वीडियो-फोटो के साथ रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद देर शाम सर्वे टीम मस्जिद पहुंच गई। सर्वे टीम में एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव के साथ डीएम राजेंद्र पेसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन सहित अन्य लोग मौजूद थे। मस्जिद के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। किसी को भी आसपास भटकने नहीं दिया जा रहा है।

यह आदेश कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि महाराज की याचिका पर दिया गया। महंत ऋषिराज गिरि महाराज की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन कोर्ट में पेश हुए। विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है। यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट की तरफ से रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर बनाया गया।

सिविल जज आदित्य सिंह की कोर्ट ने यह आदेश मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे दिया और शाम करीब छह बजे एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव के नेतृत्व में सर्वे टीम मस्जिद में सर्वे करने पहुंच गई। यानि कोर्ट के आदेश आने के ढाई घंटे के अंदर ही सर्वे का काम शुरू हो गया। टीम करीब दो घंटे तक मस्जिद के अंदर रही। इस दौरान डीएम राजेंद्र पेसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन सहित अन्य लोग मौजूद थे।

वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जो सर्वे टीम के साथ थी। मुस्लिम पक्ष की तरफ से अदालत में कोई नहीं था। सर्वे का परवाना उन्हें रिसीव कराया गया। वकील विष्णु शंकर भी मस्जिद के भीतर सर्वे टीम के साथ गए थे, जबकि याचिकाकर्ता महंत ऋषिराज गिरि को मस्जिद में एंट्री नहीं मिली है। वे बाहर ही खड़े रहे। मस्जिद के आसपास दो सर्किल संभल और असमौली के सीओ तैनात किए गए थे।

शाही जामा मस्जिद सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है। जैसे ही जामा मस्जिद में सर्वे कराने की बात पता चली, वहां पर हलचल मच गई। मुस्लिम समाज के लोग मस्जिद के पास पहुंच गए, लेकिन इस दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई थी। लोगों को वहां से हटा दिया गया। संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। हजारों की संख्या में लोग जामा मस्जिद के पास इकट्ठा होना चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें मना किया। कम से कम सात दिन का नोटिस मिलना चाहिए था। आज ही सुनाई हुई और आज ही सर्वे का आदेश दे दिया गया।

वहीं शाही जामा मस्जिद के मुतवल्ली एडवोकेट जफर ने कहा कि जमा मस्जिद का सर्वे किया गया है। करीब दो घंटे तक सर्वे किया गया। हमने सर्वे टीम का पूरा सहयोग किया। हमें उम्मीद है कि यह हमारी जमा मस्जिद है। वहीं डीएम राजेंद्र पेसिया ने कहा कि जिस तरह से कोर्ट का आदेश आया, उसको देखते हुए शहर में पुलिस बल को तैनात किया गया गया, जिससे कानून-व्यवस्था न बिगड़े।

बताते चले कि संभल के सदर इलाके के डाक खाना रोड स्थित कोट पूर्वी इलाके यह शाही जामा मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करती हुई याचिका पेश होने के बाद आज अदालत में पहले दिन सुनवाई किया और सुनवाई के पहले दिन अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे का आदेश दिया था। यह याचिका कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी की तरफ से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में पेश किया था। याचिका में कहा गया है कि संभल की शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है, जो हमारी आस्था का केंद्र है। हिंदू आस्था के अनुसार हमारे 10 अवतारों में से एक भगवान श्री कल्कि का अवतार यहीं होना है।

याचिका में कहा गया है कि 1529 में बाबर ने हमारे मंदिर को तोड़कर तथाकथित मस्जिद बनाने की कोशिश की थी। आज इसी को लेकर दावा पेश किया गया है। गौरतलब है कि यह मस्जिद एएसआई के संरक्षण में आती है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि इसमें हिंदू आस्था से संबंधित सिंबल मौजूद हैं। बता दें कि विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं। अधिवक्ता के मुताबिक इस याचिका में राज्य के साथ केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।

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